पटना, 04 जुलाई (हि.स.)। बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह कोरोना संक्रमित पाये गये हैं। उनका पूरा परिवार कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गया है। सभापति अवधेश नारायण सिंह के आप्त सचिव ने इसकी पुष्टि की है। खुद आप्त सचिव भी कोरोना संक्रमित हुए हैं।
विधान परिषद् के सभापति के पारिवारिक सूत्रों के अनुसार अवधेश नारायण सिंह में कोरोना के लक्षण पाये गये थे। इसके बाद उनका टेस्ट किया गया। जाँच में अवधेश नारायण सिंह के साथ-साथ उनके परिवार और स्टाफ के 9 लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं।
आप्त सचिव के मुताबिक अवधेश नारायण सिंह की स्थिति फिलहाल ठीक है लेकिन इलाज के लिए उन्हें पटना एम्स में भारती कराया जायेगा। वहीं सिंह के कोरोना संक्रमित होने के बाद बिहार के कई प्रमुख राजनेताओं पर भी संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। पिछले तीन-चार दिनों में अवधेश नारायण सिंह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ कई प्रमुख और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों से मिले हैं। विगत 1 जुलाई को बिहार विधान परिषद में नए विधान पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह था। इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी समेत बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार भी मौजूद थे।
इस कार्यक्रम में नीतीश कुमार, सुशील मोदी, विजय चौधरी और सभापति अवधेश नारायण सिंह के बीच शारीरिक दूरी भी कायदे के मुताबिक नहीं थी। सभापति बगैर मास्क के थे। विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी और मंत्री श्रवण कुमार भी बैगर मास्क के थे। शपथ ग्रहण समारोह में शपथ लेने वाले सारे के सारे नये विधान पार्षद बगैर मास्क के थे।
नीतीश और तेजस्वी के साथ की थी मीटिंग
इससे पहले 29 जून को सभापति अवधेश नारायण सिंह सचिवालय में नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी के साथ बैठक में शामिल हुए थे। यह बैठक मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के चयन को लेकर हुई थी। सचिवालय के मुख्यमंत्री कक्ष में यह बैठक काफी देर तक चली थी।
क्या कहता है प्रोटोकॉल
कोरोना के इलाज के प्रोटोकॉल के मुताबिक किसी व्यक्ति के संक्रमण में आने के बाद उसके संपर्क में आये सभी व्यक्तियों की जांच की जाती है। ऐसे व्यक्तियों को 14 दिनों तक होम क्वारंटीन में भी रहने का निर्देश है। लिहाजा बिहार के मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम समेत विधानसभा अध्यक्ष और संसदीय कार्य मंत्री के साथ- साथ कई मंत्रियों और विधायकों और विधान पार्षदों का टेस्ट हो सकता है। सरकारी नियमों के मुताबिक उन्हें होम क्वारंटीन में भी रहना पड़ेगा।