कोहिमा(नगालैंड), 20 अक्टूबर (हि.स.)। नगालैंड के मोन जिले में भारत-म्यांमार सीमा के घने जंगली इलाके में असम राइफल्स के शिविर पर रविवार तड़के दो बजे नगालैंड के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन एनएससीएन (खापलांग) और असम के उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ असम (उल्फा) स्वाधीन (स्वा) ने संयुक्त रूप से हमला किया। इस हमले में किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है।
बताया गया है कि जवानों ने इस हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया। जवानों और उग्रवादियों के बीच घंटों जमकर गोलीबारी हुई। जवानों की जवाबी कार्रवाई के बाद उग्रवादी भाग खड़े हुए। मुठभेड़ स्थल से एके सीरीज राइफल के 75 राउंड खाली कारतूस और जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। साथ ही एम-16 राइफल के भी कारतूस मिलने की बात कही गई है।
दावा किया गया है कि एनएससीएन (के) और उल्फा (स्वा) के 50 सदस्यीय दल ने घात लगाकर भारत-म्यांमार अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक शेनलोश बस्ती के पास असम रायफल के जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की। अपुष्ट खबरों के अनुसार सेना के एक जवान के घायल होने की बात कही जा रही है। औपचारिक तौर पर अभी तक इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है।
हालांकि, गांव के दो नागरिकों के भी घायल होने की बात कही जा रही है, जिसके चलते गांव वालों में नाराजगी व्याप्त है। फिलहाल, असम राइफल्स की ओर से अभी तक औपचारिक रूप से कोई बयान जारी नहीं किया गया है। बताया गया है कि एनएससीएम (के) गुट का नेतृत्व स्वयंभू कमांडर लेफ्टिनेंट न्यामलांग और उल्फा (स्वा) गुट का नेतृत्व स्वयंभू कमांडर नयन असम ने किया। उल्फा (स्वा) के स्वयंभू मुख्य सेना अध्यक्ष परेश बरुवा ने हमले की जिम्मेदारी ली है।घटना के बाद बड़ी संख्या में सुरक्षाबल पूरे क्षेत्र को घेरकर तलाशी अभियान चला रहे हैं।