लखनऊ, 26 सितम्बर (हि.स.)। धर्मांतरण के मामले में मेरठ से गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दकी के तीन और मददगारों को उप्र एटीएस ने रविवार को गिरफ्तार किया है। ये अभियुक्त विदेशों से हवाला के जरिये फंडिंग करते थे। जांच के दौरान अभियुक्तों द्वारा ट्रस्ट के खातों में जमा कराए गए 20 करोड़ रुपये की धनराशि के साक्ष्य मिले, जिसका ब्यौरा नहीं दे पाये हैं।
एटीएस के अधिकारियों ने बताया कि धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार मौलाना सिद्दकी के मददगारों और उनकी सम्पत्ति को लेकर जांच चल रही है। इस पूरे मामले में एटीएस की छह टीमें लगी हुई है। इसी कड़ी में रविवार को एटीएस ने मौलाना कलीम के तीन मददगार मुजफ्फरनगर के फुलत गांव निवासी मोहम्मद इदरीश, मो. सलीम और नासिक का रहने वाले कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ को गिरफ्तार किया है।
17 सालों में मौलाना के साथ है कलीम
एटीएस की पूछताछ में सलीम ने बताया कि धर्मांतरण के काम में वह मौलाना कलीम सिद्दकी के साथ करीब 17 सालों से सहयोग कर रहा हैं। उसने यह भी बताया कि धर्मांतरण के लिए लोगों से सम्पर्क करने व कही आने-जाने या किसी को ला जाने आदि कार्यों को वह मौलाना कलीम के बताये अनुसार करता था।
क्लीनिक की आड़ में धर्म परिर्वतन करता है कुणाल
मूलरुप से नासिक का रहने वाला कुणाल उर्फ आतिफ एमसीआई (डॉक्टर) की परीक्षा कराने के प्रलोभन के कारण कलीम सिद्दकी से जुड़ा। पिछले दो सालों से कलीम के साथ मिलकर धर्मांतरण का काम कर रहा है। कुणाल रुस में रहकर मेडिकल की पढ़ाई के दौरान कन्वर्ट हुआ। लेकिन भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए आवश्यक एमसीआई परीक्षा पास नहीं कर पाने के बावजूद वह अवैध रुप से नासिक में मेडिकल क्लीनिक चलाने लगा। कलीम सिद्दकी के साथ रहते हुए अवैध मेडिक्ल प्रैक्टिस करने के साथ-साथ वह मरीजों का धर्मांतरण का भी काम कराता था।
इदरीश करता है फंड एकत्र
मौलाना कलीम सिद्दकी द्वारा संचालित जमियातुल इमाम वलीउल्लाह अल इस्लामिया ट्रस्ट से जुड़ा एक मदरसा, जिसका संचालक अभियुक्त इदरीश करता है। उसके लिए वह फंड भी एकत्र करता है। मदरसे को अभियुक्त कलीम सिद्दकी के धर्मांतरण केन्द्र के रुप में सह अभियुक्त द्वारा संचालित किया जाता है, जहां धर्मांतरण के महत्वपूर्ण चरण ‘तरबिय की गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है।
तीन माह में इदरीश ने बनवाया 60 लाख का मकान
एटीएस को जांच के दौरान पता चला है कि इदरीश ने तीन माह के भीतर ही 60 लाख रुपये की कीमत का मकान बनवाया है। ढाई लाख रुपये की मोटर साइकिल खरीदी है। पूछताछ में इदरीश ने इतनी बड़ी मात्रा में रकम कहां से लाने और संपत्ति अर्जित करने का स्त्रोत नहीं बताया है। अभियुक्त कलीम सिद्दकी और इदरीश के मुजफ्फरनगर के अलावा दिल्ली में सम्पत्ति होने के साक्ष्य मिले है, जिसकी जांच चल रही है।
ट्रस्ट के खातों में आयी 20 करोड़ से अधिक रकम
मौलाना कलीम सिद्दकी द्वारा संचालित ट्रस्ट के विभिन्न खातों में तीन करोड़ रुपये जमा करने के साक्ष्य मिले हैं। इसके संबंध अब तक की गई जांच में ट्रस्ट के अलग-अलग खातों से 20 करोड़ से अधिक राशि जमा किए जाने के प्रमाण मिले हैं। ट्रस्ट के इंडियन बैंक खाते में बैंक आफ बहरीन एंड कुवैत से डेढ़ करोड़ रुपये प्राप्त हुए है। जिसमें एक बड़ी राशि कलीम ने उसके साथ धर्मांतरण में लगे लोगों को भेजे जाने के साक्ष्य मिले हैं।
मौलाना ने स्वीकारा गुनाह, बनाया अपना फर्ज
पछताछ में मौलाना ने स्वीकारा कि उसने उम्मत को बढ़ाने की जिम्मेदारी को अपना फर्ज बनाया है। हम जब भी किसी का धर्म परिवर्तन कराते है तो इससे विदेश में बैठे अपने सहयोगियों को जानकारी देते हैं। वे उन्हें इस्लाम में बनाये रखने और लोगों को धर्म परिवर्तन कराने के लिए काफी पैसा दिया जाता है। जिससे उसे व्यक्तिगत तौर पर बहुत आर्थिक लाभ हुआ है। उसने यह भी स्वीकारा कि वह फुलत व अन्य क्षेत्रों में जहां भी दावा के कार्य से जाता है ये तीनों उसके सहयोगी के रुप में साथ रहते हैं।
अब तक 11 लोग हुए गिरफ्तार
एटीएस के अधिकारी ने बताया धर्मांतरण के मामले में अब तक इन तीनों को छोड़ दिया जाये तो 11 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसमें मुख्य आरोपित उमर गौतम उसका सहयोगी मौलाना कलीम सिद्दकी, सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख, अन्य लोग है। मौलाना कलीम दस दिन की पुलिस कस्टी रिमांड पर चल रहा है।