एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के फिर से क्लिनिकल ट्रायल शुरू
लॉस एंजेल्स, 13 सितम्बर (हि.स.)। ब्रिटेन की आक्सफ़ोर्ड ‘एस्ट्राजेनेका’ ने कोरोना वैक्सिन को लेकर फिर से क्लिनिकल ट्रायल का काम शुरू कर दिया है। ब्रिटेन की मेडिसिन हेल्थ नियामक प्राधिकरण ने शनिवार को कहा है कि एस्ट्राजेनेका के ट्रायल फिर से शुरू किए जा सकते हैं। पिछले बुधवार को तीसरे परीक्षण ट्रायल के दौरान एक महिला की इंजेक्शन लगाने के बाद अज्ञात कारणों से तबियत बिगड़ने लगी थी और सुरक्षा कारणों से ट्रायल रोक दिए गए थे।
एस्ट्राजेनेका के सीईओ पासकल सोरीओत ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि उस महिला को मनोविकार के लक्षण और रीढ़ की हड्डी में पीड़ा की शिकायत होने लगी थी। इस तरह के बड़े स्तर के परीक्षणों में अक्सर लक्षण उभर आते हैं। एस्ट्राजेनेका ने उक्त महिला के बारे में अतिरिक्त जानकारी दिए जाने में असमर्थता व्यक की है। इसके बावजूद कम्पनी ने आश्वस्त किया है कि उनके वैज्ञानिक वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिकों के साथ डाटा साझा करती रहेगी। कंपनी अभी तक 18000 लोगों पर परीक्षण कर चुकी है। एक सवाल के जवाब में सोरीओत ने स्वीकार किया कि गत जुलाई के महीने में भी ट्रायल के दौरान एक व्यक्ति को मनोविकार की समस्या खड़ी हुई थी लेकिन उस रोग का इस वैक्सीन के साथ कोई संबंध नहीं था।
एस्ट्राजेनेका AZD 1222 विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन में अग्रणी है, जिसे पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी अचूक टीका बताया जा रहा है।
एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के अलावा अमेरिका की ‘फाइजर’ और ‘मोडेरना’ दो अन्य कंपनियां भी तीसरे चरण के परीक्षण ट्रायल में जुटी हैं। इन तीनों कंपनियों ने कहा है कि उन्हें वर्ष के अंत से पहले कम से कम उच्च प्राथमिकता वाले समूहों के लिए एक वैक्सीन तैयार होने की उम्मीद है। शनिवार को फाइजर ने पिछले बयानों को दोहराया है कि उनकी एक ही कोशिश है कि वैक्सीन अक्टूबर के अंत तक मार्केट में आ सकती है। इन तीनों का ट्रम्प प्रशासन से अरबों डॉलर के सौदे तय हैं। इन पर दायित्व है कि उनके शोध के समर्थन के साथ साथ टीकों की आपूर्ति सुरक्षित और प्रभावी हो।