नई दिल्ली, 13 अगस्त (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि हम अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशी सरकारों, विदेशी आपूर्तिकर्ताओं और विदेशी रक्षा उत्पादों पर निर्भर नहीं रह सकते। यह एक मजबूत और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के उद्देश्यों और भावनाओं के अनुकूल नहीं है। किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए सुरक्षा उसकी पहली प्राथमिकता होती है। जो राष्ट्र स्वयं अपनी सुरक्षा कर सकने में समर्थ हैं, वही विश्व स्तर पर अपनी मजबूत छवि बना पाने में कामयाब हुए हैं।
रक्षा मंत्री ने गुरुवार को साउथ ब्लॉक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ’आत्म निर्भरता सप्ताह’ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इस दौरान आप सभी के बीच एक बार फिर आकर मुझे बड़ी ख़ुशी हो रही है। पिछले 6 दिनों से ‘आत्मनिर्भरता’ की ओर लगातार कदम बढ़ाते हुए आप लोग सुविधाओं के आधुनिकीकरण, उन्नयन और नए इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण का महत्त्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज जितने भी उत्पाद और सुविधाओं का शुभारंभ किया गया है, उनमें चाहे वह डंप ट्रक हों या सुपर विशालकाय हाइड्रो इलेक्ट्रिक खुदाई, आगे चलकर न केवल डिफेन्स में ही बल्कि सिविल सोसायटी में भी आवश्यकता पड़ने पर अपनी सेवाएं दे सकेंगे।
राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे जानकर अच्छा लगा कि बीईएमएल द्वारा लांच किया गया 150 टन भार क्षमता वाला इलेक्ट्रिक डंप ट्रक और 180 टन क्षमता का सुपर विशालकाय खनन खुदाई यंत्र- दोनों स्वदेशी रूप से डिजाइन करके निर्मित किए गए हैं। यह इलेक्ट्रिक डंप ट्रक खनन उद्योग की ज़रूरत को भी पूरा करेगा। हमें न केवल अपने राष्ट्रीय हितों की पूर्ति सुनिश्चित करने में सक्षम होना चाहिए, बल्कि जरूरत के समय में अन्य लोगों की भी मदद करने में सक्षम होना चाहिए। आप लोगों की इस पहल से न केवल हम सबके बीच बल्कि सभी देशवासियों को भी एक सकारात्मक संदेश गया है। रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में कहीं अधिक मायने रखती है। नए स्वदेशी उत्पादों की जो प्रभावशाली सूची आज लांच की गई है, मुझे विश्वास है कि रक्षा उपक्रम और आयुध निर्माणियां ‘आत्म निर्भर अभियान’ के प्रमुख चालक होंगे और वे राष्ट्रीय सुरक्षा तथा आत्मनिर्भरता के लिए महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर सरकारी स्वामित्व वाले रक्षा उद्योगों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करना है तो हम उन प्रथाओं से बंधकर नहीं रह सकते हैं, जिनकी आज कोई उपयोगिता नहीं है। यह एक तरफ से नियंत्रित मूल्य निर्धारण के बाधाओं को दूर करता है तो दूसरी ओर यह कॉर्पोरेट प्रबंधन प्रथाओं और कुशल प्रणालियों का लाभ देता है। रक्षा उत्पादन में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने 101 वस्तुओं की एक नेगेटिव सूची जारी की है। रक्षा मंत्रालय का अनुमान है कि अगले पांच से सात वर्षों में घरेलू उद्योगों को लगभग चार लाख करोड़ के आदेश दिए जायेंगे। इसलिए यह घरेलू रक्षा उद्योग और राज्य संस्थाओं के लिए एक उत्कृष्ट अवसर है, जो स्वदेशी रक्षा विकास और निर्माण में अपने हिस्से को बढ़ाना चाहता है। उन्होंने आयुध निर्माणियों के प्रबंधन और कर्मचारियों को स्वदेशी उत्पादों पर मंथन करने के लिए बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि आगे भी आप लोग ‘हर काम देश के नाम’ के भाव से काम करते रहेंगे।