नागपुर, 16 मार्च (हि.स.)। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने भाजपा गठबंधन में लौटने का प्रस्ताव रखा है। यहां उनका सम्मान होगा और मध्यप्रदेश की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी सत्ता परिवर्तन संभव हो पाएगा।
दीक्षा भूमि ट्रस्ट के सदानंद फुलझले की अंत्येष्टि में शामिल होने नागपुर पहुंचे अठावले ने स्थानीय रवि भवन में प्रेस कांफ्रेंस करके मध्यप्रदेश की राजनैतिक परिस्थितियों पर कटाक्ष करते हुए आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश विधानसभा के स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति कांग्रेस के सदस्य हैं। नतीजतन विधानसभा अध्यक्ष ने बहुमत सिद्ध करने के लिए 26 मार्च तक का समय देते हुए कमलनाथ सरकार का बचाव किया है। अठावले ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को असंवैधानिक करार दिया है।
अठावले ने कहा कि भाजपा ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस के विधायक नहीं तोडे हैं बल्कि अपमान और कुंठा के चलते ज्योतिरादिय सिंधिया खुद भाजपा के साथ जुड़े हैं जिसके चलते मध्यप्रदेश में राजनीतिक गतिरोध पैदा हो गया है। अठावले ने मध्यप्रदेश की राजनीतिक परिस्थिति को कांग्रेस की अंदरूनी कलह का नतीजा करार दिया। इस अवसर पर अठावले ने कहा कि मध्यप्रदेश की तरह राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगड कांग्रेस में भी खलबली मची हुई है। इन राज्यों में भी सत्ता परिवर्तन के आसार नजर आ रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अनावश्यक बयानबाजी करते हैं। उनकी बेकार की बयानबाजी से काँग्रेस के नेता भी परेशान हो चुके हैं, इसलिए कांग्रेस की अंदरुनी हालत दिनोदिन खराब होती जा रही है।
अठावले ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भाजपा गठबंधन में लौटने का आह्वान करते हुए कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के दबाव में उद्धव ठाकरे काम कर रहे हैं। स्व. बालासाहब ठाकरे की विचारधारा के विपरीत फैसला लेते हुए उद्धव ठाकरे मन मसोसकर कांग्रेस के साथ सत्ता में शामिल हुए हैं। अठावले ने ठाकरे के सामने भाजपा गठबंधन में लौट आने का प्रस्ताव रखा।