पत्रकारों पर हमला ,भाजपा विधानसभा में उठायेगी आवाज : डाॅ रमन सिंह

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रायपुर,7 (हि.स.)। छत्तीसगढ़ शासन में पत्रकारों पर हो रहे लगातार हमले व प्रताड़ना के मामले रोकने एवं पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने विधान सभा के शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने पत्रकारों के दमन के मामलों को प्रभावी ढंग से उठाने के निवेदन के साथ पत्रकार कमल शुक्ला व सुशील शर्मा के नेतृत्व में आज पत्रकारों के प्रतिनिधि मण्डल ने पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ रमन सिंह एवं अन्य विधायकों से भेंट कर पत्रकारों के उत्पीड़न का ब्योरा दिया। पत्रकारों से चर्चा करते हुए रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश में एक तरफ तो पत्रकार सुरक्षा कानून की बात की जा रही है वहीं दूसरी ओर पत्रकारों को डराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि; प्रदेश में माफिया राज चल रहा है, खुलेआम रेत और खनिज की लूट हो रही है। उन्होंने वादा किया कि, प्रदेश में निष्पक्ष व निर्भीक पत्रकारिता का माहौल बनाने एक मजबूत पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए वे अगले विधान सभा सत्र में आवाज उठाएंगे।

डॉ रमन सिंह को सौंपे गए ज्ञापन में लिखा गया है कि छत्तीसगढ़ में विगत वर्षों में लगातार तीन कार्यकाल 15 वर्षों तक भारतीय जनता पार्टी शासित रमन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार थी तब से लेकर वर्तमान में विगत 2 वर्षों से प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार है, अत्यंत दुख एवं चिंता का विषय है कि दोनों ही शासन काल में पत्रकारों की सुरक्षा तथा स्वतंत्रता पर कोई भी ठोस काम अब तक नहीं हो पाया है। विगत दो वर्षों से प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार है परंतु इतने अल्प कार्यकाल में प्रदेश में 2 दर्जन से अधिक मामले पत्रकारों पर हमले तथा फर्जी एफ.आई.आर. दर्ज करने के हो चुके हैं, जिससे ना केवल पत्रकार अपितु समूचे प्रदेश में भय व आतंक का माहौल है।

ज्ञापन में यह भी कहा गया है  है कि, छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था की स्थिति दिन-ब-दिन बद से बदतर होती जा रही है। लगातार हो रहे कस्टोडियल डेथ, आम जनता पर पुलिस की बर्बरता तथा सत्ता पोषित गुंडों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है, वित्तीय अनियमितताएं, कमीशनखोरी, ठेका-सप्लाई, रेत-माफिया, भू-माफिया आदि का आतंक समूचे छत्तीसगढ़ को घेरे हुए है। जब भी कोई पत्रकार इन सब के विरुद्ध रिपोर्टिंग करता है तो उसे सत्ता पोषित गुंडे धमकी देते हैं उन पर हमले करते हैं तथा बीच सड़क पर सरेआम भद्दी-भद्दी गालियां देते हैं। उक्त घटनाएं छत्तीसगढ़ के पत्रकारों के लिए नियति बन चुका है।यही कारण है कि विगत  कार्यकाल में प्रदेश में लगातार पत्रकारों पर हो रहे हमले रुकने का नाम ही नहीं लें रहे हैं। छत्तीसगढ़ के कांकेर में पत्रकार कमल शुक्ला पर प्रदेश के मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के करीबी कांग्रेसी गुंडो के द्वारा सरेआम हमला किया जाता है तथा अश्लील गालियां दी जाती हैं कोई कार्यवाही ना होता देख पत्रकार कमल शुक्ला भूख हड़ताल पर बैठते हैं, परंतु कोई संतोषजनक कार्यवाही अब तक नहीं हुई। छत्तीसगढ़ के सरगुजा में पत्रकार मनीष कुमार के न्यूज़ पर आधारित दो दो फर्जी एफ.आई.आर. दर्ज किए गए हैं, कांग्रेसी गुंडों के द्वारा उन्हें धमकियां दी जाती हैं परंतु कहीं कोई सुनवाई नहीं होती। लगभग 2 दर्जन से अधिक मामले हाल ही के 2 वर्षों में देखने सुनने को मिले हैं परंतु विडंबना यह है कि विपक्ष भी मौन है।

 


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