संसदीय व्यवस्था से जुड़े तमाम मुद्दों पर उप्र में पहली बार हुई बैठक

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ऑनलाइन बैठक में संसद और विधान सभाओं की व्यवधान रहित कार्यवाही को लेकर हुई चर्चा



लखनऊ, 29 मई (हि.स.)। संसद और देश की सभी विधान सभाओं के सदनों की कार्यवाही को व्यवधान रहित संचालन करने के लिए गठित की गयी समिति की शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में प्रथम बार हुई। कोरोना महामारी की विषम परिस्थिति के कारण यह बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सम्पन्न हुई। उप्र विधानसभा और समिति के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने इस ऑनलाइन बैठक की अध्यक्षता की।
यह समिति लोक सभा अध्यक्ष द्वारा गठित की गयी थी। उप्र विधानसभा अध्यक्ष को इस समिति का अध्यक्ष तथा गुजरात, पंजाब, मध्यप्रदेश, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़ एव तमिलनाडु के अध्यक्षों को इसका सदस्य मनोनीत किया गया था। इसकी एक बैठक वर्ष 2019 के नवम्बर माह में लोक सभा में सम्पन्न हुई थी। उस बैठक में समिति के सदस्य के रूप में मनोनीत विभिन्न विधान सभाओं के अध्यक्षों के साथ विचार-विमर्श के आधार पर यह निर्णय लिया गया था कि सभी अध्यक्ष अपने-अपने सुझाव अगली बैठक में देंगे।
समिति के अध्यक्ष श्री दीक्षित ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि पिछले दो माह से कोरोना महामारी की विषम परिस्थिति के कारण बैठक सम्पन्न नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण विधायिका के समक्ष एक नई चुनौती है। ऐसे माहौल में जिन सदनों में छह माह की अवधि व्यतीत हो रही है, उनकी बैठक संवैधानिक अपरिहार्यता के कारण बुलायी जानी है। उन सदनों की बैठकें किस प्रकार आहूत की जाय। यह विचारणीय प्रश्न है।
दीक्षित ने कहा कि संसदीय व्यवस्था से जुडे़ कतिपय देशों जैसे यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, जापान एवं आस्ट्रेलिया द्वारा वर्तमान माहौल में भी संसद की बैठकें आहूत की गयी हैं। वहां पर इसको ‘वर्चुअल पार्लियामेन्ट’ की संज्ञा दी गयी है। भारत जैसे विशाल आबादी एवं आकार की दृष्टि से बड़े राष्ट्र होने के कारण संवैधानिक अपरिहार्यता के बावजूद सदनों की बैठक बुलाये जाने में कठिनाई है। उन्होंने इस संभावना पर विचार किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया। सदन को व्यवधान रहित सुचारू रूप से चलाये जाने के बारे में श्री दीक्षित ने इस दौरान समिति के सभी विधान सभाओं के अध्यक्षों से भी अपने-अपने विचार व्यक्त करने का अनुरोध किया।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में समिति में मनोनीत सात सदस्यों में से छह सदस्य, राजेन्द्र सूर्यप्रसाद त्रिवेदी, अध्यक्ष, गुजरात विधानसभा, जगदीश देवड़ा, अध्यक्ष, मध्य प्रदेश विधानसभा, राणा केपी सिंह, अध्यक्ष, पंजाब विधानसभा, थीरू पी. धनपाल, अध्यक्ष, तमिलनाडु विधानसभा और रेबती मोहन दास, अध्यक्ष, त्रिपुरा विधानसभा ने भाग लिया। इन सभी ने बैठक में अपने-अपने विचार भी रखे। श्री दीक्षित के अनुसार छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, अपरिहार्य कारणों से बैठक में उपस्थित नहीं हो सके।
उन्होंने बताया कि समिति के सभी सदस्यों द्वारा यह विचार व्यक्त किया गया कि सदन की बैठकों के दिनों की संख्या कम होने के कारण नये सदस्यों को सदन में अपनी बात रखने का अवसर नहीं मिल पाता है। अतएव सदन के दिनों की संख्या बढ़ायी जाए। सदन में इस प्रकार की व्यवस्था बनायी जाए, जिससे अधिकांश विधायकों को अपनी बात कहने का अवसर मिल सके। जीरो ऑवर पर महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने के लिए पर्याप्त समय की जरूरत पर बल दिया गया। नियमों में जरूरी संशोधन के सुझाव भी दिए गए।
सदस्यों ने सत्ता एवं प्रतिपक्ष के बीच सामंजस्य बढ़ाए जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। इस दौरान प्रक्रिया एवं नियमावली के बारे में विशेष प्रशिक्षण की जरूरत बताई गई। दलों द्वारा अपने स्तर पर सदस्यों को प्रबोधन कार्यक्रम चलाए जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया। कोरोना महामारी के बीच शारीरिक दूरी को बनाए रखते हुए सदन की बैठकों को सम्पन्न करने के लिए नियमों में व्यवस्था किये जाने की आवश्यकता बतायी गयी। उन्होंने राजनीतिक दलों से यह अपेक्षा की कि वे अपने विधायकों को इस प्रकार का प्रशिक्षण दें कि उन्हें सदन में निर्धारित प्रक्रिया और अध्यक्ष पीठ से दिये जाने वाले निर्देशों का अनुशासनबद्ध होकर पालन करें।
अध्यक्ष ने अंत में कहा कि सदन को व्यवधान रहित सुचारू रूप से चलाये जाने व कोरोना महामारी के मध्य सदन कैसे संचालित किये जाय के विषय में बहुत ही बहुमूल्य सुझाव प्राप्त हुए। इस संबंध में विचार-विमर्श की कार्यवाही तथा प्राप्त बहुमूल्य सुझावों को सभी सदस्यों को प्रेषित किया जायेगा। इसके साथ ही विचार-विमर्श के बीच प्राप्त सुझावों के बारे में अध्यक्ष, लोक सभा को भी अवगत कराया जायेगा। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं प्रदेश विधानसभा के सभी सदस्यों की ओर से स्वागत करते हुए कोरोना महामारी की चुनौती से दृढ़तापूर्वक मुकाबला करते हुए उससे उबरने के लिए अपनी शुभेक्षा प्रकट की।
कोरोना महामारी के दौरान उप्र से वीडियो कान्फ्रेसिंग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की यह पहली बैठक है। बैठक में उप्र विधानसभा के प्रमुख सचिव, प्रदीप कुमार दुबे भी उपस्थित रहे।

 


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