नई दिल्ली/असम, 31 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्ट्रर (एनआरसी) की अंतिम सूची का प्रकाशन आज (शनिवार को) होगा। इससे असम के 41 लाख लोगों के भविष्य का फैसला होगा कि वे देश के नागरिक हैं या नहीं। राज्य में फैले तनाव को ध्यान में रखते हुए गुवाहाटी समेत कई इलाकों में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। राज्य पुलिस के साथ ही केंद्रीय बलों को भी तैनात किया गया है। राज्य के घोषित 14 संवेदनशील जिलों में एतिहातन धारा-144 (निषेधाज्ञा) लागू की गई है। इसके अलावा सशस्त्र बलों के 20 हजार अतिरिक्त जवानों को भी राज्य में तैनात किया गया है।
एनआरसी की पहली मसौदा सूची गत 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित हुई थी, जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.9 करोड़ लोगों का नाम शामिल किया गया था। जून 2019 में प्रकाशित दूसरी मसौदा सूची में एक लाख से अधिक लोगों का नाम हटा दिया गया था। उसके बाद इनमें से लगभग 37 लाख लोगों ने नए दस्तावेजों के साथ दोबारा अपील की। इसके अलावा पहले से सूची में शामिल लगभग दो लाख नामों पर आपत्तियां भी दर्ज कराई गई हैं।
राज्य पुलिस और सरकार ने असम में लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। पुलिस प्रशासन ने लोगों से कहा है कि कुछ असामाजिक लोग एनआरसी को लेकर भ्रम फैला रहे हैं, उन पर ध्यान न दें। असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने लोगों से शांति और भाईचारा बनाए रखने की अपील की है।
उल्लेखनीय है कि एनआरसी की तीसरी सूची पहले 31 जुलाई को प्रकाशित होनी थी लेकिन राज्य में बाढ़ के कारण एनआरसी अथॉरिटी ने इसे 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था। इससे पहले 2018 में 30 जुलाई को एनआरसी का फाइनल ड्राफ्ट आया था। लिस्ट में शामिल नहीं लोगों को दोबारा वेरीफेकशन के लिए एक साल का समय दिया गया था।