असम-मिजोरम सीमा पर हिंसा के शिकार असम के 20 परिवार आश्रय शिविर में रहने को मजबूर
कछार (असम), 19 अक्टूबर (हि.स.)। असम-मिजोरम के अंतरराज्यीय सीमाई इलाके कछार जिला के लायलापुर इलाके में हुई हिंसा के बाद असम के लगभग 20 परिवारों के 100 लोगों को अस्थायी आश्रय शिविर में रहने को मजबूर होना पड़ा है। लायलापुर प्राथमिक विद्यालय में लगभग 20 परिवारों के 100 से अधिक लोग गत शनिवार की रात से ही आश्रय लिये हुए हैं।
आरोपों के अनुसार शनिवार की रात को मिजो उपद्रवियों ने पेट्रोल बम से हमला कर असम के लोगों घर, दुकान आदि में आग लगाकर जला दिया। कथित तौर पर हिंसा के दौरान 40 लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है, जिसमें एक व्यक्ति की हालत गंभीर है। शिविर में रहने वाले लोगों का कहना है कि वे बेहद कष्ट में अपना जीवन गुजार रहे हैं।
उधर, मिजोरम के साथ सीमा विवाद के चलते शनिवार की घटना के बाद से लायलापुर इलाके में हजारों की संख्या में ट्रक सामान लेकर फंसे हुए हैं। सभी ट्रक विभिन्न प्रकार की सामग्री लेकर मिजोरम जा रहे थे। ट्रकों का आवागमन बंद होने के चलते ड्राइवरों व खलासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गत तीन दिनों से रास्ते पर आवागमन पूरी तरह से बंद है।
सीमाई इलाके लायलापुर में इस समय भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। आरोपों में कहा गया है कि असम की पांच किमी जमीन पर मिजो पुलिस बैठी हुई है। इलाके में मिजो पुलिस हथियार के साथ पहरा दे रही है। उधर, असम की सीमा में असम पुलिस बटालियन व असम पुलिस के साथ ही सीआरपीएफ के जवान भी बड़ी संख्या में तैनात है।
दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच बीती रात इलाके में शांति बहाली के लिए चर्चा हुई। असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय कार्यालय को टेलीफोन के जरिए रविवार को समूची स्थिति से अवगत कराया। इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय और असम व मिजोरम के मुख्य सचिवों के बीच सोमवार को बैठक आहूत की गयी थी।
उल्लेखनीय है कि असम-मिजोरम सीमाई इलाके में प्रति वर्ष हिंसा की घटनाएं देखने को मिलती हैं। असम लगातार यह आरोप लगाता आ रहा है कि मिजो के उपद्रवी तत्व हमारी भूमि पर जबरन कब्जा कर रहे हैं। मिजोरम की ओर से भी कुछ इसी तरह का आरोप लगाया जाता रहा है। सीमा विवाद के चलते इलाके में रहने वाले साधारण लोगों को अपनी संपत्ति और जान गंवाने की नौबत हर बार उत्पन्न होती है।