असम-मेघालय सीमा विवाद सुलझाने को बढ़े कदम

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दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्री सरमा और संगमा हेलीकॉप्टर से पहुंचे लंग्पी



गुवाहाटी, 16 नवम्बर (हि.स.)। असम और मेघालय के बीच एक दशक पुराने अंतरराज्यीय सीमा विवाद का स्थायी समाधान खोजने के भगीरथ प्रयास शुरू हो गए हैं। इस संबंध में असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने मंगलवार को बड़ी पहल की। दोनों ने एक साथ कामरूप जिले के लोवर लुंपी का दौरा किया। दोनों ने लुंपी में विस्तृत चर्चा की। साथ ही कामरूप जिला प्रशासन के कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

असम के मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने लुंपी में स्थानीय नागरिकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि असम और मेघालय की सरकारें पिछले छह महीने से अंतरराज्यीय सीमा विवाद के स्थायी और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान के लिए ठोस प्रयास कर रही हैं। भाईचारे और स्थायी मित्रता की भावना से दोनों सरकारें दोनों राज्यों के सभी विवादों को सुलझाने में सक्षम होंगी।

डॉ. सरमा ने कहा कि प्रदेश की कमान संभालने के बाद उन्होंने शिलांग का दौरा। वहां अपने मेघालय समकक्ष के साथ अंतरराज्यीय सीमा विवाद पर चर्चा की। इसके बाद 6 अगस्त को गुवाहाटी में हम लोग मिले। इस बैठक में सौहार्दपूर्ण तरीके से मुद्दों के समाधान पर सहमति बनी।

उन्होंने कहा कि असम और मेघालय के बीच 12 विवादित क्षेत्र हैं। पहले चरण में छह स्थानों को समाधान के लिए चिह्नित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए गठित क्षेत्रीय समितियां अपनी रिपोर्ट जल्द सौंपे, ताकि यह प्रक्रिया आगे बढ़ सके। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि दूसरे चरण की चर्चा में लुंपी को भी शामिल किया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि दोनों सरकारों ने अपने-अपने जनप्रतिनिधियों के परामर्श से असम के कामरूप और मेघालय के पश्चिम खासी हिल्स जिलों के जिला उपायुक्त के सामूहिक दृष्टिकोण के साथ लुंपी क्षेत्र में केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने का अस्थायी निर्णय लिया है। इसका मकसद यह है कि लुंपी के लोग विकास से वंचित न हों।

मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री डॉ. सरमा की अंतरराज्यीय सीमा विवाद के सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने के लिए की गई पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि सीमा विवाद के कारण पिछले 50 वर्षों में सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को काफी नुकसान हुआ है। अब ऐसा न हो, इसलिए दोनों राज्यों ने हाथ मिलाया है। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि पहले किसी भी सरकार ने सीमा विवाद के समाधान के लिए प्रतिबद्धता नहीं दिखाई। उन्होंने कहा आज के दौरे से लुंपी क्षेत्र के नागरिकों का विश्वास बढ़ा है।

इस मौके पर असम सरकार के सीमा क्षेत्र विकास विभाग के आयुक्त और सचिव जीडी त्रिपाठी, मेघालय के पीएचईडी मंत्री आरएल तोंगखर, असम के कृषि मंत्री अतुल बोरा, बोको विधानसभा क्षेत्र की विधायक नंदिता दास, मेघालय के विधायक किम्फा एस मारबानियांग, असम के मुख्य सचिव जिष्णु बरुवा, मेघालय की मुख्य सचिव रेबेका सुचियांग, दोनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न समुदायों के स्थानीय लोग मौजूद रहे।


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