गुवाहाटी, 17 दिसम्बर (हि.स.)। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ असम, मेघालय एवं त्रिपुरा समेत पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में पिछले तीन दिन की तरह सोमवार को भी विरोध-प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। कर्फ्यू में ढील मिलने से कई बाजारों में चहल-पहल देखी गयी। हालांकि रेल यातायात बाधित होने के कारण जरूरी खाद्य सामग्रियों की आपूर्ति नहीं होने से उनके दाम दोगुने तक बढ़ गये हैं। तेल रिफाइनरियों पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद होने से लोगों को परेशान होना पड़ा। सोमवार को शांतिपूर्ण आंदोलन के बावजूद एहतियातन सभी इलाकों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गए हैं।
कर्फ्यू वाले इलाकों में प्रशासन ने दिन के समय ढील दी है। सोमवार को गुवाहाटी में सुबह छह से रात नौ बजे तक और डिब्रूगढ़ में सुबह छह से शाम आठ बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई। इस दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। प्रशासन ने शाम तीन बजे तक आंदोलन की अनुमति दी थी। हालांकि राज्य के अन्य इलाकों में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है। मोबाइल इंटरनेट सेवा को फिर से अगले 24 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है। सरकारी कार्यालय, पेट्रोल पंप, रसोई गैस की एजेंसियां, डाकघर आदि खुल गए। बाजारों में भी रौनक रही। सब्जी और मछली बाजारों में खरीदारों की भारी भीड़ रही। हालांकि, सामानों के दाम दो गुना से अधिक बढ़ गए हैं। सड़कों पर निजी और सार्वजनिक वाहनों की आवाजाही भी सामान्य रही।
उधर विभिन्न संगठनों के लोगों का शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रहा। आसू के नेतृत्व में तीन दिवसीय राज्यव्यापी सत्याग्रह आंदोलन आरंभ हुआ। पहले दिन ही पुलिस ने आसू के प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद (अजायुछाप) ने गुवाहाटी के उलुबाड़ी स्थित देउरा कॉलेज के खेल मैदान में 36 घंटे का अनशन आरंभ किया है।
कानून के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में आसू समेत कुल 15 याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिन पर 18 दिसम्बर को पहली सुनवाई होगी। व्यवसायी लुइत कुमार बर्मन ने इंटरनेट सेवा बंद होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। स्कूल और कॉलेजों को 22 दिसम्बर तक बंद रखा गया है। इस बीच असम कर्मचारी परिषद ने 18 दिसम्बर को एक दिन के लिए कामकाज बंदकर आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है। कानून व्यवस्था को संभालने के लिए पुलिस विभाग में भी बड़ा फेरबदल हुआ है।
आंदोलन के चलते रेल यातायात प्रभावित है। ट्रेनों का परिचालन बंद होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आवश्यक खाद्य सामग्रियों के नहीं पहुंचने से समस्या उत्पन्न हो रही है। खास बात यह है कि पूर्वोत्तर में सभी खाद्य सामग्रियां देश के अन्य हिस्सों से आती हैं। गुवाहाटी या असम के अन्य हिस्सों से दक्षिण भारत की ओर जाने वाली सभी ट्रेनों को फिलहाल रोक दिया गया है। उग्र प्रदर्शन के कारण पश्चिम बंगाल से होकर ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह से ठप है। ऊपरी असम या अरुणाचल के नाहरलगुन की ओर जाने वाली ट्रेनों का भी परिचालन बंद है। सिलचर से गुवाहाटी के बीच ट्रेनों की आवाजाही बंद है।
रेल यातायात बाधित होने से असम में मौजूद तेल रिफाइनरियों पर खतरा मंडराने लगा है, क्योंकि रिफाइनरियों को चलाने के लिए जरूरी क्रूड आयल पश्चिम बंगाल के हल्दिया बंदरगाह से ट्रेन के जरिए लाया जाता है। मालगाड़ियां नहीं चलने से क्रूड आयल रिफाइनरियों तक नहीं पहुंच रहा है। तिनसुकिया जिले के डिगबोई इलाके से पुलिस ने नागरिकता संशोधन कानून का हिंसक विरोध करने के आरोप में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस प्रशासन वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की शिनाख्त कर उन्हें गिरफ्तार कर रहा है। अब तक पुलिस ने राज्य के अलग-अलग हिस्सों से 1406 लोगों को हिरासत में लिया है, जिसमें से 175 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।