ब्रह्मपुत्र नाव हादसा, राहत एवं बचाव अभियान में जुटा वायुसेना का हेलीकाप्टर

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एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत अन्य एजेंसियों की 12 टीमें अभियान में जुटीं

एक युवती की मौत, 42 को बचाया गया



जोरहाट (असम), 09 सितम्बर (हि.स.)। जोरहाट जिला के निमातीघाट के पास ब्रह्मपुत्र नद में नाव के साथ डूबे यात्रियों की तलाश के लिए लगातार अभियान जारी है। पूरी रात एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस, जिला प्रशासन की टीम लगातार अभियान चलाती रहीं। गुरुवार की सुबह दूसरे दिन सुबह 06 बजे से फिर से नये सिरे से अभियान आरंभ किया गया है। राहत व बचाव कार्य में वायु सेना के हेलीकाप्टर की भी मदद ली जा रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के निर्देश पर राज्य सरकार के दो मंत्री बिमल बोरा और चंद्र मोहन पटवारी घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लेते हुए सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री स्वयं आज मौके पर पहुंचने वाले हैं। हालांकि, नाव हादसे में अभी तक कितने लोग डूबे हैं इस बारे में कोई स्पष्ट संख्या सामने नहीं आई है।

उल्लेखनीय है कि नद में जो फेरी (यंत्र चालित नाव) डूबी है वह निजी थी। वहीं सरकारी अनदेखी के मद्देनजर सरकार ने जल परिवहन विभाग के तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।

घटना के अनुसार बुधवार शाम टिपकाई नामक जहाज और एक फेरी (यंत्र चालित नाव) मां कमला के बीच आमने-सामने की टक्कर हो गयी। हादसे के बाद मां कमला नामक फेरी नद में डूब गयी। फेरी पर कथित तौर पर कुल 120 यात्री सवार थे। जिसमें से कुल 42 लोगों को बचाया गया था। जिसमें से चार की हालत गंभीर थी, जिन्हें जोरहाट मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर एक युवती की मौत हो गयी।

ज्ञात हो कि ब्रह्मपुत्र नद के पानी की रफ्तार काफी तेज है, जबकि बाढ़ के कारण नद पानी से पूरी तरह से लबालब है। माना जा रहा है कि फेरी के साथ डूबने वाले यात्री दुर्घटनास्थल से काफी दूर बह गये होंगे। यही कारण है कि हेलीकाप्टर से भी निगरानी की जा रही है।

फेरी पर यात्रियों के साथ ही लगभग 35 के आसपास बाइक भी लादी गयी थी। एनडीआरएफ की टीम पूरी तार अभियान चलाकर नद में डूबी फेरी को बाहर निकालकर उसकी तलाशी ली। तलाशी के दौरान से नाव से लोगों के बैग समेत अन्य सामान मिले हैं। नाव में किसी को भी नहीं पाया गया है, जबकि बाइक फेरी के ऊपरी हिस्से में लोड की गयी थी, जिसके चलते नाव के पलटने के साथ ही बाइक बह गयीं। जो फेरी नद में डूबी है वह माजुली से निमातीघाट की ओर जा रही थी। हादसा निमातीघाट से नाव के जरिए लगभग आधा घंटा की दूरी पर हुआ है।


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