महज छह महिला प्रतिनिधि असम की नयी विधानसभा में
गुवाहाटी, 06 मई (हि.स.)। हाल ही में संपन्न असम विधानसभा चुनाव के परिणाम में महिला जनप्रतिनिधियों के लिए बेहद चिंताजनक तस्वीर उभर कर सामने आई है। 126 सदस्यीय असम विधानसभा के लिए हुए चुनाव में इस बार सिर्फ छह महिला जनप्रतिनिधि चुनी गई हैं।
असम विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व दर वर्तमान समय में घटकर 4.7 प्रतिशत रह गई है। जबकि महिलाओं के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के लिए 33 प्रतिशत सीटों पर आरक्षण की मांग को लेकर समय-समय पर आवाजें उठती रही हैं। उल्लेखनीय है कि 14वीं असम विधानसभा में भी महिला जनप्रतिनिधियों की संख्या संतोषजनक नहीं रही थी। तब 91 महिला उम्मीदवारों में से केवल 08 महिला उम्मीदवार निर्वाचित हुई थीं। तत्कालीन समय में भी महिलाओं के चुने जाने की दर केवल 6.3 प्रतिशत थी।
गौरतलब है कि इस बार विधानसभा चुनाव में भी राजनीतिक दल महिलाओं को उम्मीदवार बनाने में कंजूसी बरतते नजर आए। 126 निर्वाचन क्षेत्रों में 964 उम्मीदवारों में से केवल 74 महिला उम्मीदवार थीं, जिनका औसत केवल 7.8 प्रतिशत था।
इस बार 74 महिला उम्मीदवारों में से छह महिला उम्मीदवार जो जीतने में कामयाब रहीं, उनमें से तीन भाजपा, एक असम गण परिषद से जबकि दो विपक्षी दल कांग्रेस की हैं। उल्लेखनीय है कि 2001 में 85 महिला उम्मीदवारों में से 14 का 11.1 प्रतिशत की दर से विधानसभा में प्रतिनिधित्व हुआ था।
इस बार चुनी गई महिला प्रतिनिधियों में भाजपा की अजंता नेउग, सुमन हरिप्रिया और नंदिता गार्लोसा, अगप की रेनुपमा राजखोवा और कांग्रेस की नंदिता दास और शिवमणि बोरा हैं।
गोलाघाट सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बितुपन सैकिया को 9,325 वोटों के अंतर से भाजपा की नेता, कांग्रेस नेत्री रहीं एवं मंत्री अजंता नेउग चौथी बार फिर से विधानसभा के लिए चुनी गयी हैं। ज्ञात हो कि कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे अजंता नेउग के पति नगेन नेउग की 1996 में उल्फा ने हत्या कर दी थी। इसके बाद दिवंगत मुख्यमंत्री तरुण गोगोई अजंता को राजनीति में लेकर आए थे।
भाजपा की पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री विजया चक्रवर्ती की बेटी सुमन हरिप्रिया को दूसरी बार हाजो विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के रूप में विधानसभा के लिए चुना गया है। सुमन हरिप्रिया ने असम जातीय परिषद के अपने निकटतम उम्मीदवार दुल्लू अहमद को 14,364 वोटों से हराया। भाजपा की तीसरी महिला विजेता प्रत्याशी नंदिता गर्लोसा हैं। हाफलांग (आदिवासी) विधानसभा क्षेत्र से अपने निकटतम कांग्रेसी उम्मीदवार निर्मल लांग्थासा को 18,598 मतों के अंतर से हराने के बाद नंदिता गार्लोसा को 15वीं असम विधानसभा के लिए चुना गया है।
टियक विधानसभा क्षेत्र के अगप उम्मीदवार रेनुपमा राजखोवा को 1 हजार,350 वोटों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी पल्लवी गोगोई को हराते हुए फिर से विधानसभा सदस्य के लिए चुना गया है। बोको (अनुसूचित जाति) विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी नंदिता दास का चयन दूसरी बार हुआ है। वहीं बटद्रवा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी अंगुरलता डेका को कांग्रेस प्रत्याशी शिवमणि बोरा ने 32 हजार,820 मतों से हराया। शिवमणि बोरा कांग्रेस की पूर्व विधायक किरण बोरा की पुत्री हैं।
गौरतलब है कि लंबे समय से असम विधानसभा के लिए चुनी जा रही बीपीएफ नेता और पूर्व मंत्री प्रमीला रानी ब्रह्म इस बार पश्चिम कोकराझार निर्वाचन क्षेत्र से 20 हजार से अधिक वोटों से हार गई हैं।