सीमा पार करके आए तीन नाबालिग बच्चे पाकिस्तानी सेना को सौंपे गए

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पुंछ, 20 अगस्त (हि.स.)। पुंछ की नियंत्रण रेखा चक्का दे बाग से सीमा पार करके भारतीय क्षेत्र में पहुंचे तीन नाबालिग बच्चे शुक्रवार को पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंप दिए गए। तीनों से सेना और अन्य एजेंसियों ने भारतीय क्षेत्र में आने के बारे में पूछताछ की। इसके बाद उन्हें खिलौने और अन्य सामान देकर पाकिस्तान को सौंप दिया।

सेना के सूत्रों ने बताया कि 18 अगस्त को अपराह्न करीब 3:45 बजे नियंत्रण रेखा पर तैनात भारतीय सेना के जवानों ने कुछ संदिग्ध गतिविधि देखी। जवानों ने घेराबंदी की और उन्हें चेतावनी दी तो तीन मासूम बच्चों ने अपने हाथ खड़े कर दिए, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने उन्हें पकड़ लिया। इस बीच एक बच्चा वापस भागने में सफल हो गया। तीनों बच्चे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के निवासी हैं। पुंछ जिले के चक्कां दा बाग क्षेत्र में शून्य रेखा के पास दबोचे गए तीन में से दो सगे भाई अरबाज रहीम (13) और उमर रहीम (9) हैं। तीसरा गांव लस्सीमंग छातरा जिला फरवर्ड कोहटा निवासी मोहम्मद नियाज अली का 17 वर्षीय पुत्र धनयाल मलिक है।

पाकिस्तान के इन तीनों बच्चों को भारतीय सेना के हवाले करके पाकिस्तानी सेना को इनके बारे में जानकारी दे दी गई। इस दौरान भारतीय सेना ने इन तीनों पाकिस्तानी बच्चों को पहनने के लिए नए कपड़े व उपहार देने के अलावा किताबें भी मुहैया कराई। उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए तीनों बच्चों को मदरसे में पढ़ाया भी गया। इस दौरान तीनों बच्चों ने भारतीय बच्चों के साथ क्रिकेट मैच भी खेला।

भारत की सीमा में आए तीनों बच्चों से सेना और अन्य एजेंसियों ने भारतीय क्षेत्र में आने के बारे में पूछताछ की। बच्चों का कहना है कि वह तीनों घर से मछली पकड़ने के लिए निकले थे। मछली पकड़ते-पकड़ते वे सभी कब भारतीय सीमा में घुस आए उन्हें पता ही नहीं चला। भारतीय सेना की देखभाल के दौरान तीनों बच्चों ने कहा कि यहां सभी अपने ही लगते हैं क्योंकि इस बात का एहसास ही नहीं है कि हम किसी दूसरे देश और बेगाने लोगों के बीच हैं। तीनों बच्चों ने कहा कि भारतीय सेना और स्थानीय लोग हमारा पूरा ख्याल रखा। जब हम वापस अपने घर जाएंगे तो वहां लोगों को बताएंगे कि यहां सब बहुत अच्छे हैं। भारतीय सेना बच्चों को मारती नहीं बल्कि उपहार देती है।


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