कोहिमा, 07 जुलाई (हि.स.)। सेना ने मणिपुर के केकरु नागा गांव में संघर्ष विराम करने वाले प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन एनएससीएन (आईएम) के एक छिपे हुए अवैध कैम्प को ध्वस्त कर दिया है। यहां से एक कैडर को गिरफ्तार करने के साथ ही भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी जब्त किया गया है।
सेना सूत्रों ने बताया कि इलाके में अवैध रूप से जबरन उगाही की सूचना मिलने पर जब जांच शुरू की गई तो इलाके में एनएससीएन (आईएम) के एक अवैध कैम्प के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद सेना ने अभियान चलाते हुए कैम्प को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। सेना की पूर्वी कमान ने एक ट्वीट में बताया है कि विद्रोही समूहों को एक तगड़ा झटका देते हुए भारतीय सेना के जवानों ने गत पांच जुलाई को मणिपुर के केकरू नागा गांव में एनएससीएन (आईएम) के एक अवैध ठिकाने को ध्वस्त करते हुए बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है। सेना के अनुसार, बरामद विस्फोटक व हथियारों में अमेरिका निर्मित एम-16 रायफल व 125 राउंड जिंदा कारतूस, 26 राउंड के साथ एक सेल्फ-लोडिंग राइफल और अन्य छोटे हथियारों के अलावा कुछ एके सीरीज़ व असॉल्ट राइफलें भी जब्त हुई हैं।
सेना के जवान जब कैंप की खोज करते रहे थे तो इस दौरान एक उग्रवादी को इलाके से गिरफ्तार किया गया। उसने अपनी पहचान छुपाने के लिए पोशाक बदल ली थी। वह स्थानीय आबादी में घुसने की कोशिश कर रहा था, ताकि उसकी पहचान न हो पाए। सूत्रों ने बताया है कि चालू माह के दौरान भी सेना ने एनएससीएन (आईएम) के दो और अवैध ठिकानों का पता लगाकर उन्हें नष्ट करने के साथ ही हथियार व गोला-बारूद बरामद किया था।
नगालैंड और म्यांमार के पहाड़ी इलाकों में भी हैं कई कैम्प
नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (ईसाक-मुइवा) का गठन 1980 में 85 वर्षीय थुइन्ग्लेंग मुइवा ने एक संप्रभु नगा राज्य की मांग को लेकर किया था। एनएससीएन (आईएम) की मांग पूर्वोत्तर के उन सभी हिस्सों को शामिल कर नगालिम देश का गठन करना था, जहां पर नगा समुदाय के लोग रहते हैं जिसमें पूर्वोत्तर भारत और उत्तर पश्चिमी म्यांमार का हिस्सा शामिल है। 1997 में केंद्र के साथ एनएससीएन (आईएम) ने संघर्ष विराम किया था। इस दौरान कुछ चिह्नित स्थानों पर ही कैंप स्थापित करने की मंजूरी मिली। संगठन को अपने सभी शिविरों के स्थान की रिपोर्ट सेना को देना अनिवार्य है। बावजूद, उग्रवादी संगठन नगालैंड और म्यांमार के पहाड़ी इलाकों में कई छिपे हुए शिविर चला रहा है। इस बीच अगस्त, 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने एनएससीएन (आईएम) ने केंद्र सरकार के साथ एक फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते को शांति के लिए ऐतिहासिक बताया गया। हालांकि, इसके बाद कई दौर की वार्ता भी हुई, लेकिन अभी तक कोई परिणाम सामने नहीं आया है।
मणिपुर में एनएससीएन (आईएम) ने बनाये कई अवैध कैम्प
कैम्प बनाने के लिए समझौता सिर्फ नगालैंड में ही है। बाद में मणिपुर में भी कुछ कैम्प बनाने की सरकार से अनुमति मिल गई लेकिन एनएससीएन (आईएम) ने मणिपुर में अवैध रूप से कई कैम्प स्थापित कर लिए हैं। चालू वर्ष के 28 अप्रैल को असम राइफल्स के जवानों ने एनएससीएन (आईएम) के अनधिकृत रूप से उखरूल जिले के सिहाई ख़ानौ में बने एक शिविर को घेर लिया। बड़ी संख्या में पहुंचे असम राइफल्स के जवानों ने कैंप में एनएससीएन (आईएम) कैडरों को कैंप छोड़ने के लिए चेतावनी दी क्योंकि कैंप अधिकृत नहीं था। इसको लेकर एनएससीएन (आईएम) ने सेना पर जबरन परेशान करने आरोप लगाते हुए संघर्ष विराम के नियमों का उल्लंघन बताया था। हालाांकि सेना के भारी दबाव के बाद एनएससीएन (आईएम) ने अपने कैंप को बंद कर वहां से हट गया था। इस तरह के अवैध शिविर एनएससीएन (आईएम) नगालैंड, मणिपुर और पड़ोसी देश म्यांमार में बना रखे हैं। जब सेना को इसके बारे में पता चलता है तो कार्रवाई कर उसे नष्ट कर देती है।