नई दिल्ली, 25 नवम्बर (हि.स.)। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने अपनी उत्तर-पूर्व की तीन दिवसीय यात्रा के आखिरी दिन बुधवार को कोहिमा में अनाथालय और बेसहारा घर में नई आवासीय सुविधा का उद्घाटन किया। यह सुविधा असम राइफल्स की ओर से चलाई जाएगी। क्षेत्र में पहले से ही कई बेसहारा घर और अन्य अनाथालय असम राइफल्स की मदद से चलाये जा रहे हैं।
सेना के प्रवक्ता ने बताया कि असम राइफल्स ने ही इस अनाथालय और बेसहारा घर का निर्माण कराया है जिसमें इस समय 26 लड़कियों सहित 95 बच्चे हैं। इन बच्चों को यहां न केवल प्यार, देखभाल और स्नेह मिलता है, बल्कि इन्हें स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा भी दी जाती है। असम राइफल्स ने विभिन्न सिविक एक्शन परियोजनाओं के माध्यम से ऐसे कई सामाजिक संगठनों को अपना समर्थन दिया है। असम राइफल्स ने दो शौचालय ब्लॉक और दो कंप्यूटर और एक टेलीविजन के लिए लगभग 4.5 लाख रुपये की वस्तुएं अनाथालय को दी हैं। कोविड महामारी के दौरान बुनियादी सुविधाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अप्रैल और जून 2020 में बुनियादी राशन की कुछ मात्रा भी प्रदान की गई थी। एक चिकित्सा शिविर भी आयोजित किया गया था, जहां सभी बच्चों के स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए बुनियादी परीक्षण हुए उनके स्वस्थ पालन-पोषण के लिए जरूरी कदम उठाये गए।
कोहिमा अनाथालय और निराश्रित गृह एनएच-29 पर कोहिमा टाउन से लगभग 8 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस अनाथालय की शुरुआत 1973 में की गई थी जिसकी स्थापना स्थानीय महिला जैपुरो अंगामी ने की थी। उन्हें स्थानीय लोग मदर टेरेसा के रूप में देखते थे। अब इसे उनकी बेटी श्रीमती नीबानो अंगामी द्वारा चलाया जाता है। जरूरतमंद अनाथ बच्चों की मदद के लिए कई सामाजिक संगठन, कर्नल (सेवानिवृत्त) क्रिस्टोफर रेगो और सशस्त्र बलों की अध्यक्षता वाले सनबर्ड ट्रस्ट जैसे गैर सरकारी संगठन आगे आएं हैं। अब अपेक्षित शैक्षिक और खेल अवसंरचना के साथ एक नए घर का प्रावधान उनकी भलाई और सशक्तिकरण में एक लंबा रास्ता तय करेगा।