स्वदेशी प्रौद्योगिकी से ही करेंगे सुरक्षा चुनौतियों का सामना : नरवणे

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भारतीय सेना को परिचालन जरूरतों के लिए स्वदेशी समाधान की तलाश

 आत्मनिर्भर भारत पहल से घरेलू रक्षा उद्योग को काफी प्रोत्साहन मिला



नई दिल्ली, 08 नवम्बर (हि.स.)। थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि भारतीय सेना तेजी से आधुनिकीकरण के दौर से गुजर रही है। वह अपनी परिचालन जरूरतों के लिए स्वदेशी समाधान तलाश रही है। मैं सभी को आश्वस्त करता हूं कि भारतीय सेना हमेशा आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को सुविधाजनक बनाने में हमारी भूमिका के लिए आगे बढ़ेगी। सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल ने घरेलू रक्षा उद्योग के पुनरुद्धार को प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहन और ऊर्जा का संचार किया है। इस अवसर पर ‘आर्मी मेक प्रोजेक्ट्स 2021’ पुस्तिका का भी विमोचन किया गया।

जनरल एमएम नरवणे सोमवार को ‘आर्मी मेक प्रोजेक्ट्स’ पर वार्षिक वेबिनार को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी का विकास जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना तेजी से आधुनिकीकरण के दौर से गुजर रही है और यह अपनी परिचालन जरूरतों के लिए स्वदेशी समाधान तलाश रही है। संघर्षों के दौरान, युद्ध जैसी स्थितियों में केवल स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकी ही भारतीय सेना के लिए उपलब्ध होंगी। नरवणे ने उल्लेख किया कि उभरती सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने और विदेशी प्रौद्योगिकी पर निर्भरता कम करने के लिए स्वदेशी और स्थानीय क्षमताओं का विकास करना अनिवार्य है।

थल सेनाध्यक्ष ने कहा कि विशेष रूप से सेना इस पहल का नेतृत्व करने के लिए अधिक उपयुक्त है। भारत का एक विस्तारित औद्योगिक आधार है और हमें विश्वास है कि रक्षा उपकरणों की अधिकांश मुख्य आवश्यकताओं को घर में ही पूरा किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि भारतीय सेना में अधिग्रहण की औसत लागत कम है जो एमएसएमई और स्टार्ट-अप को व्यापक भागीदारी की अनुमति देती है। उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी के दौरान सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल ने घरेलू रक्षा उद्योग के पुनरुद्धार को प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहन और ऊर्जा का संचार किया है।

वार्षिक वेबिनार में थल सेनाध्यक्ष के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शांतनु दयाल ने कहा कि हमारा लक्ष्य देश में मेक श्रेणी के उपकरणों की बड़ी सफलता सुनिश्चित करना है। उपकरण और प्रौद्योगिकी की खरीद के दौरान भारतीय सेना के लिए दो सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे गुणवत्ता और लागत हैं। उन्होंने कहा कि हम इन उपकरणों को बहुत ही चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में तैनात करने जा रहे हैं, इसलिए उन्हें मजबूत और अच्छी गुणवत्ता का होना चाहिए। दयाल ने कहा कि भारतीय सेना खरीद के दौरान स्वदेशी सामग्री का हिस्सा बढ़ाने जा रही है। फिक्की रक्षा और एयरोस्पेस समिति के अध्यक्ष एसपी शुक्ला ने कहा कि रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी) में पूंजी अधिग्रहण की ‘मेक’ श्रेणी का प्रावधान मेक इन इंडिया पहल के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।


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