रक्षा मंत्री राजनाथ को सेनाध्यक्ष नरवणे ने बताये लद्दाख के हालात

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नई दिल्ली, 26 जून (हि.स.)। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और उन्हें लद्दाख सेक्टर जमीनी हालात के बारे में जानकारी दी। सेना प्रमुख पूर्वी लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अग्रिम चौकियों का दौरा करके कल ही दिल्ली लौटे हैं। पैन्गोंग झील पर अभी भी तनातनी बरकरार है लेकिन 22 जून के बाद से एलएसी पर शांति है।
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे दो दिन तक पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर रहकर भारतीय सेना की तैयारियों का जायजा लेने के बाद गुरुवार को दोपहर में वापस दिल्ली लौटे। उन्होंने भारतीय सीमा में चीन का अतिक्रमण रोकने के मुद्दे पर रणनीति तैयार की है। गलवान घाटी के विवादित क्षेत्र से चीन को पीछे धकेल दिया गया है लेकिन पैन्गोंग झील पर अभी भी तनातनी बरकरार है। सेना प्रमुख ने कल ही शाम को रक्षा मंत्रालय, सीडीएस और एनएसए को एलएसी पर भारतीय सेना की तैयारियों के बारे में जानकारी दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मास्को के दौरे पर थे, इसलिए उन्हें आज लद्दाख के हालात के बारे में जानकारी दी।
लद्दाख दौरे के दो दिनों में सेनाध्यक्ष नरवणे ने पूर्वी लद्दाख में पीएलए के साथ पेट्रोलिंग पॉइंट 14 पर हुए गतिरोध के बारे में आकलन किया। इसके अलावा उन्होंने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के साथ एलएसी पर सभी 65 बिंदुओं पर गश्त करने के लिए सैनिकों को निर्देश दिए। पिछले एक हफ्ते में आईटीबीपी बटालियन के साथ तिब्बत थिएटर के लिए प्रशिक्षित विशेष बलों की अधिक बटालियनों को यह सुनिश्चित करने के लिए शामिल किया गया है कि पीएलए के हर किसी भी प्रयास को नाकाम कर दिया जाए।

 


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