नई दिल्ली, 04 सितम्बर (हि.स.)। पूर्वी लद्दाख की चीन सीमा पर पहुंचे भारतीय सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने शुक्रवार को चुशुल क्षेत्र का दौरा किया जहां भारतीय सेना ने पिछले 4 दिनों में अधिकांश चोटियों पर कब्जा कर लिया है। यहां की स्थिति देखने के बाद नरवणे ने कहा कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तनाव बढ़ता जा रहा है। स्थिति बहुत ही नाजुक और गंभीर है लेकिन हमने अपनी सुरक्षा के लिए सभी रणनीतिक कदम उठाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे जवानों का जोश बरकरार है और हर स्थिति का सामना करने को तैयार हैं। तनावपूर्ण स्थिति खत्म करने के लिये वार्ता चल रही है और हम बातचीत के जरिए ही मौजूदा हालातों से निपटेंगे।
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 29-30 अगस्त की रात चीनी सैनिकों की घुसपैठ नाकाम किए जाने के बाद तनाव चरम पर है। इसी के बाद से लद्दाख में दोनों देशों की सेना के बीच टकराव बढ़ा है लेकिन भारतीय सेना के आक्रमक एक्शन से चीन सकते में है। भारतीय सेना ने पूरी एलएसी पर ऊंचाई वाली जगहों पर कब्जा करके अपना दबदबा बना लिया है। अब भारत की सेना डेप्सांग से लेकर दक्षिण पेंगौंग तक के इलाके में मजबूत स्थिति में है। भारतीय सेना ने अपनी रणनीति में भी बदलाव किया है जिससे भारतीय सेना सीधे एक्शन के मोड में है। चीन के साथ 4 महीने से चल रहे टकराव के बाद भारतीय सेना ने पेंगौंग में पहाड़ों की चोटियों पर कब्जा जमाकर चीन को हैरान कर दिया है।
दो दिवसीय दौरे के पहले दिन जनरल नरवणे ने उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी और 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह से स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद दूसरे दिन आज सेना प्रमुख ने दक्षिण पैंगोंग में सेना की कार्रवाइयों का जायजा लेने के लिए चुशुल का दौरा किया। उन्होंने अन्य क्षेत्रों में हवाई और जमीनी सर्वेक्षण भी किया। इसी इलाके में सेना ने थाकुंग चोटी से लेकर रेकिन ला तक लगभग 30 प्रमुख ऊंचाइयों पर कब्जा करके चीन के मुकाबले अच्छी रणनीतिक बढ़त बनाई है।
सेना प्रमुख ने इस क्षेत्र के दौरे के समय तैनात जवानों की पीठ थपथपाई और किसी भी परिस्थिति से मुकाबला करने के लिये हौसलाफजाई की। उन्होंने देखा कि पहले चीन की हरकत पर सेना जवाबी कार्रवाई करती थी लेकिन अब सेना ने खुद ही पहल करके चीनी सैनिकों के पर कतर दिए हैं। पहले सीमा पर शांति बनाए रखने के नियमों के तहत कार्रवाई होती थी लेकिन अब भारत ने ये साफ कर दिया है कि सामने वाला अगर अपनी हरकतों से बाज नहीं आएगा तो भारत को कार्रवाई करनी ही पड़ेगी।
इस बीच खुफिया एजेंसियों का जानकारी मिली है कि पाकिस्तानी आतंकी समूहों ने जम्मू-कश्मीर में हो रहे चीन विरोधी अभियान के खिलाफ आतंकी हमले की योजना बनाई है। इसके लिए आईएसआई ने हिज्बुल मुजाहिदीन को निर्देश दिया है। इनपुट के मुताबिक हिज्बुल के निशाने पर जम्मू-कश्मीर के वह बीजेपी नेता हैं जो चीन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। पाकिस्तान एलएसी पर तनाव का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है।