नई दिल्ली, 20 नवम्बर (हि.स.)। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने जम्मू-कश्मीर के नगरोटा इलाके में गुरुवार सुबह मुठभेड़ में पाकिस्तान की सीमा से घुसपैठ करने वाले चार आतंकियों को मार गिराने पर सेना और पुलिस के ऑपरेशन को सराहा है। उन्होंने पाकिस्तान से आने वाले आतंकियों को साफ चेतावनी दी है कि लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पार करके भारत में घुसपैठ की कोशिश करने वाले आतंकवादी जिंदा नहीं बचेंगे।
जम्मू जिले के नगरोटा इलाके में गुरुवार तड़के चावल की बोरियों से लदे ट्रक में चार आतंकवादी सवार होकर कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने के इरादे से दाखिल हुए थे। खुफिया रिपोर्ट मिलने पर सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बन टोल प्लाजा के पास सुबह 5 बजे के करीब एक नाका लगाया। आतंकवादी अंधेरे का फायदा उठाकर निकलने की फिराक में थे। गाड़ियों की चेकिंग के दौरान आतंकवादियों के एक ग्रुप ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।
आतंकियों ने ट्रक में बैठकर ही सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में सुरक्षाबलों ने उस ट्रक को ही उड़ा डाला। इसके बाद आतंकवादी पास में जंगल की तरफ भागने लगे। इससे पहले कि वे किसी खौफनाक वारदात को अंजाम दे पाते कि सेना और पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में चारों आतंकियों को मार गिराया गया। इस मुठभेड़ में जम्मू-कश्मीर के दो एसओजी भी घायल हुए। आतंकवादियों के पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ है।
दरअसल आतंकियों को कश्मीर ले जाने वाले इस ट्रक की मूवमेंट लखनपुर में नौ नवम्बर को दर्ज हुई थी, जिसमें यह प्रदेश से बाहर सुबह साढ़े दस बजे रवाना हुआ था। सीसीटीवी फुटेज खंगालने और रिकॉर्ड जांचने के बाद भी इस ट्रक के लखनपुर के रास्ते प्रदेश में वापस लौटने का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद यह ट्रक किसी माइनर पोस्ट से वापस प्रदेश में दाखिल हुआ। इससे पहले यही ट्रक एक नवम्बर को सुबह आठ बजकर 51 मिनट पर लखनपुर के रास्ते प्रदेश में दाखिल हुआ था।
प्रदेश सरकार की ओर से अंतरराज्यीय रूटों पर प्रतिबंध के बावजूद इस ट्रक को यदि किसी माइनर पोस्ट से निकाला गया है तो इसे भी सुरक्षा में एक बड़ी चूक के रूप में देखा जा सकता है। कोरोना महामारी के चलते प्रदेश के अंतरराज्यीय रूटों में से मात्र अटल सेतु और लखनपुर को वाहनों के आवागमन के लिए खोला गया है। जिस ट्रक से आतंकी कश्मीर जा रहे थे उस ट्रक का रजिस्ट्रेशन नंबर कश्मीर का ही था। साथ ही यह भी पता चला है कि यह नंबर प्लेट फर्जी थी। असलियत में यह नंबर महिंद्र की पिकअप का था। आतंकियों के नेटवर्क को खंगालने के लिए कश्मीर में कुछ जगहों पर भी कार्रवाई की गई है।
सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने चावल की बोरियों से लदे ट्रक में छिपे आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए सुरक्षा बलों की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा कि सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों के बीच बेहतर तालमेल रहा। उन्होंने कहा कि इससे बहुत स्पष्ट सन्देश है कि सीमा पार से भारत में घुसपैठ करने की कोशिश करने वालों को इसी तरीके से निपटाया जाएगा।
पूर्व सेनाध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने नगरोटा मुठभेड़ को लेकर सेना के जज्बे की तारीफ की और आतंकियों को लताड़ लगाई है। उन्होंने कहा कि जब भी घाटी में लोकतंत्र का पर्व मनाया जाता है, ये आतंकी वहां दहशत फैलाने की कोशिश करने लगते हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की जनता से ऐसी घटनाओं का खुलकर विरोध करने की अपील की।