करगिल, 26 जुलाई (हि.स.)। करगिल विजय दिवस के 20 वर्ष पूरे होने पर द्रास में आयोजित एक समारोह में शुक्रवार को थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पाकिस्तान को कड़ा जवाब देते हुए कहा कि पूरा कश्मीर हमारा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन के नियंत्रण वाले हिस्से को वापस कैसे लिया जाए, सिर्फ इसका फैसला भारतीय राजनीतिक नेतृत्व को लेना है।
द्रास में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने संवादाताओं से बात करते हुए कहा कि कश्मीर अब कोई अंतरराष्ट्रीय मुद्दा नहीं रह गया है। पाकिस्तान इस मामले को हवा देने और कश्मीर में हमेशा अशांति फैलाए रखने के लिए घुसपैठियों को भारतीय सीमा में भेजने का हर संभव प्रयास करता रहता है। जनरल रावत ने कहा कि घुसपैठ के जब भी प्रयास होते हैं तो घुसपैठियों को नियंत्रण रेखा पर ही मार गिराया जाता है। गुलाम कश्मीर को कैसे हासिल किया जाएगा, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह एक राजनीतिक फैसला है। उन्होंने कहा कि गुलाम कश्मीर को वापस हासिल करने के लिए हमें सरकार के फैसले का इंतजार करना होगा।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 में जब पाकिस्तानी घु़सपैठियों ने कश्मीर पर कब्जा करने का प्रयास किया था तो उन्हें वापस खदेड़ दिया गया था। लेकिन कुछ हिस्सा अभी भी पाकिस्तान के पास है जिसे हम पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के नाम से जानते हैं। थल सेना प्रमुख ने आगे कहा कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सेना आधुनिकीकरण की राह पर है। वर्ष 2020 तक की आर्टिलरी में नई होवित्जर तोपें शामिल की जाएंगी।
कारगिल के द्रास में विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद आर्मी चीफ ने कहा कि आर्टिलरी के लिए अब के-9 वज्र देश में ही तैयार किये जा रहे हैं। इसके साथ बोफोर्स की तरह दो तोपें भी देश में निर्मित हो रही हैं। कारगिल युद्ध का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कारगिल जैसी गुस्ताखी दोबारा दोहराने नहीं दी जाएगी और अगर ऐसा फिर हुआ तो पाकिस्तान को खून के आंसू रोने पड़ेंगे। सेना प्रमुख ने कहा कि इस समय नियंत्रण रेखा पर शांति बरकरार है और स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में हैं।
गौरतलब है कि कारगिल युद्ध जीतने वाली बोफोर्स तोप का असली नाम 155-एमएम होवित्जर तोप है। इस तोप की बदौलत ही भारतीय सेना ने कारगिल में पासा पलटा था। अब भारतीय सेना इस तोप का आधुनिकीकरण कर रही है। 1999 में पाकिस्तान ने कारगिल के द्रास में भारतीय ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया था जिसके बाद भारत के वीर जवानों ने उन्हें वहां से मार भगाकर अपनी सरजमीं वापस हासिल की थी। इसी याद में हर वर्ष करगिल विजय दिवस मनाया जाता है।