लॉस एंजेल्स, 26 मई (हि.स.)। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनज़र खाड़ी में वर्चस्व की लड़ाई को देखते हुए सऊदी अरब को आठ अरब डालर के हथियार बेचने का फ़ैसला किया है। इस संदर्भ में ट्रम्प ने कांग्रेस के हस्तक्षेप को सिरे से नकार दिया है। वह ईरान के साथ मौजूदा संकट को देखते हुए इसे आपात स्थिति समझ रहे हैं। इस पर कांग्रेस में डेमोक्रेट सांसदों ने सऊदी अरब को लैसर निर्देशित बम सहित अन्यान्य हथियारों की बिक्री के ट्रम्प के निर्णय का कड़ा विरोध किया है। अमेरिका अपने दो अन्य मित्र देशों- संयुक्त अरब अमीरात और जॉर्डन को भी हथियार बेच रहा है।
विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने शुक्रवार को कांग्रेस को साऊदी अरब को हथियार बेचे जाने के बारे में अधिसूचित किया था। उन्होंने एक पत्र में लिखा है कि खाड़ी में ईरान की मिलिट्री एक्टिविटी से मित्र देशों और खाड़ी में तैनात अमेरिकी सैन्य बल की सुरक्षा को ख़तरा पैदा हो गया है। इसके लिए तत्काल निर्णय लिए जाने की ज़रूरत है। सीनेट में सत्ताधारी रिपब्लिकन विदेश संबंधों की समिति के चेयरमैन जिम रिश ने कहा है कि ट्रम्प प्रशासन ने उन्हें अपने निर्णय से अवगत करा दिया था, जिस पर वह ग़ौर कर उसके वैधानिक पक्ष की समीक्षा कर रहे हैं। इस मौजूदा तनाव का प्रमुख कारण यह बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति ट्रम्प की ओर से ईरान पर दूसरी बार प्रतिबंध लगाए जाने और खाड़ी में ईरान की मिलिट्री की ओर से मित्र देशों के तेल से भरे टैंकरों से छेड़छाड की जाने लगी थी।
उल्लेखनीय है कि ट्रम्प ने गत 22 अप्रैल को एक चेतावनी देते हुए कहा था कि ईरान से तेल ख़रीदने वाले देश 2 मई से तेल लेना बंद कर दें। उधर ईरान के विदेश मंत्री मुहम्मद जावेद जरीफ ने कहा है कि ईरान की खाड़ी में लड़ाई छेड़ने की कोई मंशा नहीं है। वह अमेरिका की मिलिट्री गतिविधियों पर नज़र बनाए हुए है।