बताया गया कि सरकार कुर्नूल में हाईकोर्ट में बनाने और विशाखापट्नम में कार्यकारी राजधानी बनाने की तैयारी कर रही है। अमरावती में विधानसभा रहेगी। सरकार के इस निर्णय से विपक्ष काफी नाराज है। विपक्ष ने नेता व पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सरकार के इस निर्णय को मोहम्मद बिन तुगलक के शासन को दोहराना बताया है। राजधानी के निर्माण पर हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए सत्तारूढ़ दल के विधायक गुड़ीवाड़ा अमरनाथ ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सिंगापुर, मलेशिया, बीजिंग की तर्ज पर राजधानी का निर्माण करने के नाम पर लोगों को गुमराह किया है। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार पिछले पांच वर्ष में एक भी स्थाई भवन का निर्माण नहीं कर पायी है। उन्होंने कहा कि अगला ओलंपिक अमरावती में कराने का दावा करने वाले चंद्रबाबू नायडू कम से कम मंडल स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं के लिए जरूरी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं करवा सके। उन्होंने चंद्रबाबू पर आरोप लगाते हुये कहा कि उन्होंने एसाइनड जमीनें जबरन छीनकर अपने बेनामियों के हवाले करने का काम किया है। अमरनाथ ने चंद्रबाबू नायडू पर राजधानी के नाम पर बड़ा घोटाला करने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू नायडू अपनेे शासनकाल में राजधानी के नाम पर ड्रामा करते रहे, लेकिन कोई स्थाई भवन का निर्माण तक नहीं कर पाए हैं। सदन में चर्चा के दौरान वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के विधायक टीजेआर सुधाकरबाबू ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने राजधानी के निर्माण के नाम पर सिर्फ प्रचार प्रसार किया है।
टीडीपी के सात सदस्य निलंबित
सदन में हंगामा करने और कार्य में बाधा डालने के आरोप में विधानसभा अध्यक्ष तम्मिनेनी सीताराम ने तेलुगु देशम पार्टी के सात सदस्यों को एक दिन के लिये विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। विपक्ष के जिन विधायक जो निलंबित किया गया है उनमें आचम नायडू, रामानायडू, अशोक, साम्बा शिव राव, गिरी, सत्यप्रसाद, राममोहन, रामकृष्णुलो और वीरांजनेय स्वामी शामिल हैं।
दो साल में आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस
आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्यभर में हुए आंदोलनों के दौरान दर्ज किये गये मामलों को समाप्त करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस संबंध में गृह सचिव केआरएम किशोर कुमार ने शासनादेश जारी करते हुये कहा कि वर्ष 2016 जनवरी में तुनी और पूर्वी गोदावरी जिले में कापू आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मामले खत्म किये जा रहे हैं।इसके अलावा भोगापुरम हवाई अड्डे की भूमि अधिग्रहण के विरोध पर दर्ज मामलों के साथ गुंटूर, अनंतपुर सहित विभिन्न क्षेत्रों में रिलायंस की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर दर्ज मामले भी खत्म कर दिये गए हैं।