नई दिल्ली, 26 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने भाजपा नेता अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ हेट स्पीच को लेकर सीपीएम नेता वृंदा करात की एफआईआर दर्ज करने के लिए दायर याचिका खारिज कर दिया है। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा ने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से जरुरी अनुमति नहीं ली गई है इसलिए एफआईआर दर्ज करने का आदेश नहीं दिया जा सकता है।
कोर्ट ने अनिल कुमार और अन्य बनाम एमके अयप्पा और अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उदाहरण दिया जिसमें कहा गया था कि लोकसेवक के खिलाफ जांच का आदेश बिना पूर्व अनुमति के नहीं दिया जा सकता है। बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने राऊज एवेन्यू कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया था कि वो इस याचिका पर फैसला करें। हाईकोर्ट के आदेश के बाद राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है।
पिछले 26 फरवरी को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा को क्लीन चिट दे दी थी। कोर्ट को सौंपे एक्शन टेकन रिपोर्ट में क्राइम ब्रांच ने कहा था कि अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। सुनवाई के दौरान क्राईम ब्रांच के सब-इंस्पेक्टर धीरज ने कोर्ट को बताया था कि वो इस मामले पर कानूनी सलाह ले रही है। क्राईम ब्रांच ने कहा था कि भाजपा नेताओं के बयान और हिंसा की घटनाओं में कोई संबंध नहीं है।
सीपीएम की नेता वृंदा करात ने अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के हेट स्पीच के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। आपको बता दें कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अनुराग ठाकुर ने एक जनसभा में नारेबाजी करवाई थी। उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को देश का गद्दार बताते हुए नारा लगवाया था कि ‘देश के गद्दारों को…गोली मारो…’ ।
भाजपा सांसद परवेश वर्मा ने शाहीन बाग की तुलना कश्मीर की स्थिति से की थी। उन्होंने कहा था कि ‘शाहीन बाग में जो लाखों लोग हैं वो एक दिन आपके घर में घुस जाएंगे, मां-बहनों का रेप करेंगे और लूटेंगे ‘। दोनों के बयानों पर निर्वाचन आयोग ने भी कार्रवाई की थी। पहले तो दोनों को भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची से हटाने का आदेश दिया था। बाद में अनुराग ठाकुर पर 72 घंटे और प्रवेश वर्मा पर 96 घंटे तक चुनाव प्रचार पर रोक लगा दिया था।