सागर हत्याकांड : अग्रिम जमानत याचिका खारिज सुशील कुमार की

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नई दिल्ली, 18 मई (हि.स.)। दिल्ली के रोहिणी कोर्ट ने छत्रसाल स्टेडियम में पहलवान सागर धनखड़ हत्या मामले के मुख्य आरोपित और ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। एडिशनल सेशंस जज जगदीश कुमार ने ये फैसला सुनाया। कोर्ट ने मंगलवार दोपहर में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान सुशील कुमार की ओर से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा था कि दिल्ली पुलिस ने कुछ मसलों पर जवाब नहीं दिया है। घटना 5 मई की है। कुछ लोगों ने बताया कि छत्रसाल स्टेडियम में रात में फायरिंग हुई है लेकिन एफआईआर में ये नहीं कहा गया है कि किसने फायरिंग की। एफआईआर में कहा गया है कि कोई चश्मदीद गवाह नहीं मिला है। सिद्धार्थ लूथरा ने कहा था कि पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया है कि जख्म के निशान गन के नहीं हैं। इसका कोई जिक्र नहीं है कि किसने फायरिंग की और किनके बीच ये घटना घटी। उन्होंने कहा कि जब गन से कोई जख्मी नहीं हुआ तो सुशील कुमार के खिलाफ धारा 302 लगाने का कोई मतलब नहीं है।
लूथरा ने कहा था कि दिल्ली पुलिस ने होंडा सिटी कार की कहानी बाद में जोड़ी ताकि कार को जब्त किया जा सके। लूथरा ने कहा कि पहलवान सुशील कुमार अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। उन्होंने कई मेडल जीते हैं। सुशील को छत्रसाल स्टेडियम में ओएसडी के पद पर तैनात किया गया है। मैं अपने परिवार के साथ रहता हूं। उन्होंने कहा था कि जांच अधिकारी का जवाब अधूरा है। एफआईआर में जिस व्यक्ति ने पुलिस को फोन कर बताया उसका मोबाइल नंबर तो बताया गया है लेकिन उसका नाम नहीं बताया गया है।
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कॉल करने वाले का नाम पूछा। तब वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा था कि पुलिस ने कॉल करने वाले का बयान दर्ज किया है, वो कोर्ट में दाखिल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि आरोपित ने एक दूसरे गैंग को हायर किया था जिसका आपराधिक इतिहास रहा है। तब वकील आरएस जाखड़ ने कहा था कि इस बात का कोई जिक्र एफआईआर में नहीं है। वकील लूथरा ने कहा था कि जिस दूसरे गैंग को हायर किया गया उसके बारे में पुलिस को ही बताना होगा जो उसने नहीं बताया है। लूथरा ने कहा था कि सुशील कुमार का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया है। तब अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि पासपोर्ट जब्त नहीं किया गया है बल्कि ऐसी आशंका है कि वो भाग सकते हैं इसलिए रखा गया है। उसे वापस कर दिया जाएगा।
कोर्ट ने अतुल श्रीवास्तव से पूछा कि सुशील कुमार को गिऱफ्तार करना जरूरी क्यों है। तब श्रीवास्तव ने कहा कि दूसरा आरोपित सुशील कुमार की पत्नी के फ्लैट में रहता है। उन्होंने कहा कि वीडियो में इस बात के सबूत हैं कि आरोपित सुशील कुमार ने अपने हाथ में डंडा ले रखा हुआ था। इन्होंने सागर की पिटाई की जिससे उसकी मौत हो गई। कोर्ट ने सुशील कुमार के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया हुआ है।
वकील जाखड़ ने कहा कि घटनास्थल से एक किलोमीटर की दूरी पर पुलिस थाना होने के बाद घटना की एफआईआर दर्ज करने में छह घंटे की देरी क्यों की गई। एफआईआर दर्ज करने के पीछे घटना को छिपाना उद्देश्य था। इस घटना में घायल लोगों का कोई बयान दर्ज नहीं किया गया। घटनास्थल और अस्पताल में कोई चश्मदीद गवाह नहीं मिलना यह बताता है कि एफआईआर में तथ्यों से छेड़छाड़ की गई और सुशील कुमार को आरोपी बनाया गया। जो घायल अस्पताल में भर्ती थे उन्होंने भी सुशील कुमार के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया।
अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि घायल इस अवस्था में नहीं थे कि वो बयान दे सकें। पहले पुलिस ने कोशिश की कि कोई चश्मदीद गवाह मिले। एफआईआर पूरे केस का एनसाइक्लोपीडिया नहीं होता है। इस पर जाखड़ ने कहा कि सुशील कुमार के खिलाफ वीडियो सबूत हैं। ये एफआईआर मृतक की मौत के पहले दर्ज की गई थी।
उल्लेखनीय है कि रोहिणी कोर्ट ने पिछले 15 मई को सुशील समेत नौ आरोपितों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। दिल्ली पुलिस ने सुशील पर एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है। दिल्ली पुलिस दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर सुशील की नौकरी और पद पर एक्शन लेने की अनुशंसा कर चुकी है। सुशील कुमार छत्रसाल स्टेडियम में ओएसडी के पद पर तैनात हैं।
पुलिस के मुताबिक दिल्ली में लॉकडाउन के बाबजूद रेसलर सुशील, लारेंस विश्नोई और काला जखेड़ी गैंग के बदमाशों को लेकर स्टेडियम में दाखिल हुए थे। जहां रेसलर के दो गुटों में मारपीट हुई जिसमें रेसलर सागर धनखड़ की मौत हो गई। दिल्ली पुलिस सुशील कुमार को इसी मामले में तलाश कर रही है।

 


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