‘एंटी-पायरेसी’ मिशन पूरा करके अदन की खाड़ी से लौटा आईएनएस सुनयना
नई दिल्ली, 22 मई (हि.स.)। अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी गश्त के लिए तैनात आईएनएस सुनयना तीन माह का मिशन पूरा करके दक्षिणी नौसेना कमान के तहत कोच्चि बंदरगाह पर लौट आया। भारतीय नौसेना के अपतटीय गश्ती जहाज ने सफलतापूर्वक अदन की खाड़ी में अपनी एंटी-पायरेसी तैनाती को पूरा किया।
लगभग तीन माह की तैनाती के दौरान जहाज ने बिना किसी पोर्ट में प्रवेश किए समुद्र में समुद्री डकैती रोधी गश्त के अपने मिशन को पूरा किया। मिशन आधारित तैनाती के दौरान समुद्र में आईएनएस सुनयना को भारतीय नौसेना और यूएसएन के टैंकरों द्वारा ईंधन दिया गया। कोच्चि लौटने पर एसएनसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने चालक दल का स्वागत किया और समुद्र में ऐसे अटूट और निरंतर तैनाती पर जहाज को बधाई दी। इस तरह बधाई देने से जहाज के चालक दल की दक्षता और उसके मनोबल में बढ़ोतरी होती है।
आईएनएस सुनयना भारतीय नौसेना का दूसरा सरयू-वर्ग गश्ती पोत है, जिसे गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा स्वदेशी डिजाइन और निर्माण किया गया है। यह बेड़ा तटीय कार्य करने के लिए बनाया गया है जिससे अपतटीय गश्त, समुद्र निगरानी, संचार और अपतटीय समुद्री लाइनों की संपत्ति की निगरानी और रखरखाव का काम लिया जाता है। इससे पहले जून 2018 में आईएनएस सुनयना को ‘ऑपरेशन निस्तार’ के लिए तैनात किया गया था, जो भारतीय नागरिकों को चक्रवात से प्रभावित सुकोत्रा द्वीपों से निकालने के लिए एक राहत कार्यों का मिशन था।
भारतीय नौसेना ने अक्टूबर 2008 से अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी गश्त शुरू की थी और तब से लगातार एक जहाज तैनात रहता है। भारतीय ध्वजवाहक जहाजों को आगे बढ़ाने के अलावा, अन्य देशों के जहाजों को भी सुरक्षा प्रदान की गई है। भारतीय रखरखाव के तहत कोई भी जहाज अब तक समुद्री लुटेरों द्वारा अपहृत नहीं किया गया है।