बांग्लादेश में हिन्दू विरोधी हिंसा: तस्लीमा नसरीन ने भारत के छद्म धर्मनिरपेक्ष लोगों की चुप्पी पर किया प्रहार
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (हि.स.)। बांग्लादेश से निर्वासित चर्चित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने भारत के छद्म धर्मनिरपेक्ष नेताओं और बुद्धिजीवियों पर प्रहार करते हुए कहा है कि उन्हें फिलस्तीन में सताए गए मुसलमानों की चिंता रहती है लेकिन वे पड़ोस के बांग्लादेश में सताए जा रहे हिंदुओं के बारे में चिंतित नहीं है।
दुर्गा पूजा समारोहों के दौरान बांग्लादेश में जारी हिन्दू विरोधी हिंसा के सम्बन्ध में तस्लीमा नसरीन ने कहा कि पूरे देश में जिहादियों द्वारा हिंदू पूजा पंडालों, मूर्तियों, मंदिरों, घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की गई। मीडिया को सरकार द्वारा हिंदू उत्पीड़न के बारे में चुप रहने के लिए कहा गया है। तस्लीमा ने प्रधानमंत्री शेख हसीना को निशाना बनाते हुए कहा कि वह जेहादियों की अम्मीजान बन गयी हैं। बांग्लादेश का नया नाम जिहादिस्तान है और शेख हसीना इसकी महारानी हैं।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी मुसलमान दो तरह के हैं- एक, जेहादी और दूसरे जेहादी समर्थक। बांग्लादेश में जेहादी मानसिकता पर लगाम लगाने के सम्बन्ध में तस्लीमा ने कहा कि यह बहुत आसान है। मदरसों, मस्जिदों, मजहबी महफ़िलों, इज्तेमा, इस्लामिक प्रचार आदि को बंद कर दिया जाये। ऐसे कदम उठाये जाएं तो अगली पीढ़ियों में कोई जिहादी नहीं होगा। कोई मुसलमान भी नहीं। आपको ऐसे इंसान मिलेंगे जिनका आप सम्मान कर सकते हैं।
इस बीच हरे कृष्ण सम्प्रदाय के एक धार्मिक नेता राधारमण दास ने कोलकाता में कहा कि बांग्लादेश के घटनाक्रम के बारे में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया है। संस्था की ओर संयुक्त राष्ट्र महासचिव को भी पत्र लिखा गया है।
बांग्लादेश में जारी हिन्दू विरोधी हिंसा में हिंदू पुजारियों सहित छह लोगों की मौत हो चुकी है।