अंसारी बंधुओं का पूर्वांचल में नहीं टूटा तिलिस्म, अखिलेश यादव सहित तीन सीटों पर मारी बाजी
मऊ, 24 मई (हि.स.)। 2019 लोकसभा चुनाव में इस बार प्रधानमंत्री मोदी की सुनामी ने अच्छे अच्छे दिग्गजों और राजनीतिक सूरमाओं को उनकी हैसियत दिखाने का काम जनता ने किया। लेकिन कई स्थानों पर मोदी की सुनामी में भी कई दिग्गज जनता की पहली पसंद बने। जिनमें पूर्वाचल के अंसारी बंधुओं का नाम भी शामिल हो गया है।
2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के कारण पूर्वांचल के गाजीपुर तथा मऊ सीट पर अंसारी बन्धुओं को क्रमश: मनोज सिन्हा तथा हरिनारायण राजभर ने पटखनी दी थी, वहीं इस बार मोदी की सुनामी में अंसारी बन्धुओं के दबदबा पर आंच नहीं आया।
अंसारी बंधुओं की बात करें तो बाहुबली मुख्तार अंसारी को मऊ जिले की जनता सदर विधानसभा से लगातार पांच बार विधायक चुनी है। वह 2005 से ही जेल में हैं। लेकिन जनता उन्हें अपने दिलों में आज भी बैठाये हुए है। दूसरे नम्बर पर आते अफजाल अंसारी जो गाजीपुर जिले की राजनीति में लोहा मनाते हैं। इस बार उन्होंने देश के रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा को करारी शिकस्त दिया और गाजीपुर की सीट पर अपना कब्जा काबिज किया। तीसरे नम्बर पर आते हैं बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी जिन्होंने ना सिर्फ अपना बड़े पिता अफजाल अंसारी की चुनाव प्रचार किया। बल्कि उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के चुनाव प्रचार में भी दिनोंरात एक कर दिया।
खास बात एक और यह है कि अब्बास अंसारी पूर्वांचल के मुसलिम सामुदाय के युवाओं की दिलों के धड़कन बनते जा रहे हैं। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव के आजमगढ़ की सीट पर उनका चुनाव प्रचार संजीवनी के रुप में काम किया। जिससे अखिलेश यादव अपनी सीट को भारी मतों से जीत दर्ज करायी। इसके बाद मऊ जिले के घोसी लोकसभा सीट गठबंधन के बसपा प्रत्याशी अतुल राय का भी चुनाव प्रचार किया। अतुल राय बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेहद ही खास लोगों में से एक हैं। इसलिए अब्बास ने उनको भी जीत दिलाने में अपना अहम रोल अदा किया। ऐसे में आजमगढ, गाजीपुर और घोसी लोकसभा सीट पर अंसारी बंधुओं का दबदबा काबिज रहा है। जिसे पीएम मोदी की सुनामी भी नहीं हिला पाई।