गर्मियों में कैसे करें अपने पशुओं की देखभाल, जानिये ये उपाय…
रायबरेली, 27 मई (हि.स.)। गर्मी में पशुओं को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। जब बेहद गर्मी पड़ती है और तापमान करीब 42 डिग्री के ऊपर चला जाता है तो पशुओं में कई तरह की विभिन्नतायें पैदा हो जाती है। जिससे उनके पाचन प्रणाली और दूध उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। उनके नवजात पशुओं की देखभाल में लापरवाही पर उनकी शारिरिक वृद्धि और क्षमता भी प्रभावित हो सकती है। ऐसे में गर्मी के मौसम में इन्हें विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है।
गर्मियों में अपने पशुओं को इन समस्याओं से कैसे बचा सके, इसके लिये प्रसिद्ध पशु चिकित्सा विज्ञानी और जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के सेवानिवृत्त डीन डॉ. शिवकांत पांडे से विस्तार से बात की।
डॉ पांडे के अनुसार गर्मियों में सबसे ज्यादा पशुधन की देखभाल की जरूरत होती है।इस मौसम में इनके आहार में 30 प्रतिशत और दुग्ध उत्पादन में 20 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। साथ ही ऑक्सीकरण की समस्या की वजह से इनके रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसलिए इनकी देखभाल के लिए कई उपाय किये जा सकते हैं।
इन उपायों और सावधानियों से गर्मी में पशुओं की बीमारी से बचाया जा सकता है
1- जहां पशु बांधा जाय वहां तेज धूप और लू से बचने के इंतजाम होने चाहिये। पशु आवास के सामने दरवाजे पर जूट के बोरे से बने पर्दे लगाये जा सकते है जिन पर पानी का छिड़काव करना चाहिये।
2- पशुओं को हरा चारा जरूर खिलाना चाहिए, कम से कम तीन बार पानी अवश्य पिलाया जाय। इसके अलावा पानी मे थोड़ा नमक और आटा मिलाकर पिलाना अत्यधिक उपयुक्त रहेगा। इस मौसम में पशुओं की भूख कम हो जाती है, ऐसे में बी काम्प्लेक्स चारा में मिलाकर देना लाभदायक होता है।
3- पशुओं को प्रतिदिन दो बार ठंडे पानी से नहलाना चाहिए और उनके हौदे को नियमित अंतराल पर विराक्लीन से धोना चाहिये।
4- पशुओं को दिन के समय धूप से बचाना चाहिये और बाहर चराने के लिए बिल्कुल भी नहीं ले जाना चाहिये।
5- नवजात पशु को विशेष देखभाल की जरूरत होती है, इसलिए उसको गर्मी से बचाने की बहुत जरूरत है। इसके रहने के आसपास घासफूस लगा देना चाहिये। जिससे इस पर गर्मी का असर न हो सके।
6- वातावरण में नमी और गर्मी से पशुओं में तेज बुखार,आहार में अरुचि, हांफने,जीभ बाहर निकालने आदि की समस्या आ सकती है ऐसे में तुरन्त चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिये।