मुंबई, 07 नवंबर (हि.स.)। बॉम्बे हाई कोर्ट ने रविवार को अवैध वसूली एवं मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को निचली अदालत के न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश को निरस्त करते हुए 12 नवंबर तक ईडी की हिरासत में रखने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के इस आदेश से अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं।
मुंबई के स्पेशल कोर्ट ने शनिवार को अनिल देशमुख को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। मामले की जांच एंजेसी ईडी ने स्पेशल कोर्ट से अनिल देशमुख की 10 दिन की हिरासत की मांग की थी, जिसे स्पेशल कोर्ट ने ठुकराते हुए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था।
ईडी की ओर से हाई कोर्ट में पैरवी करने वाले एएसजी अनिल सिंह ने रविवार को स्पेशल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी, जिसकी सुनवाई जस्टिस माधव जामदार की बेंच ने की। ईडी के वकील ने हाई कोर्ट में कहा कि अनिल देशमुख से ईडी को और पूछताछ करनी है। इसीलिए शनिवार को ईडी ने स्पेशल कोर्ट से अनिल देशमुख की कस्टडी की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने ईडी की मांग दरकिनार करते हुए 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इससे ईडी अनिल देशमुख से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ नहीं कर सकती। इसलिए स्पेशल कोर्ट के निर्णय को निरस्त किया जाना चाहिए। इसके बाद अनिल देशमुख के वकील ने इसका विरोध नहीं किया। जस्टिस जामदार ने अनिल देशमुख को 12 नवंबर तक हिरासत में भेजने का आदेश जारी किया।
उल्लेखनीय है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की अवैध वसूली का टारगेट देने का आरोप लगाया था। इसके बाद ईडी अनिल देशमुख की मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से जांच कर रहा है। मामले में पूछताछ के लिए अनिल देशमुख एक नवंबर को ईडी के समक्ष पेश हुए थे। ईडी ने करीब 13 घंटे की पूछताछ के बाद देशमुख को 2 नवंबर को गिरफ्तार किया था। स्पेशल कोर्ट ने अनिल देशमुख को 6 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था। हिरासत अवधि खत्म होने पर अनिल देशमुख को फिर से शनिवार को स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था। स्पेशल कोर्ट ने अनिल देशमुख को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इसके बाद अनिल देशमुख को आर्थर रोड जेल में भेज दिया गया था।