यूएपीए के तहत मामला दर्ज होते ही अंडरग्राउंड हुये अनंत सिंह

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अनंत सिंह के छिपने के सभी संभावित ठिकानों पर पुलिस की कड़ी नजर-राष्ट्र विरोधी तत्व घोषित किया जा सकता है



पटना, 17 अगस्त (हि.स.)। मोकामा के विधायक और पुलिस के बीच चूहे -बिल्ली का खेल शुरु हो चुका है। पुलिस  लदमा स्थित उनके घर से ए. के. 47, 26 कारतूस और दो ग्रेनड  की बरामदगी के बाद  यूएपी एक्ट के तहत मामला दर्ज करके उनकी गिरफ्तारी का वारंट हासिल करने के लिए शनिवार को कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी है ।  मगर  इसकी भनक लगने के बाद बौखलाये अनंत सिंह भी अंडर ग्राउंड होकर गिरफ्तारी से बचने के लिए फील्डिंग कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक पुलिस उनके छिपने के सभी ठिकानों पर जाल बिछा चुकी है। पुलिस के तमाम आला अधिकारी सर्तक हैं। अनंत सिंह बिहार के पहले शख्स होंगे जिन्हें यूएपीए  के तहत गिरफ्तार किया जाएगा। इसके तहत उनके खिलाफ राष्ट्र विरोधी गतिविधि में शामिल होने का मुकदमा चलेगा। यह एक गैरजमानती धारा है।

गौरतलब है कि अनंत सिंह उस वक्त पुलिस के रडार पर आये थे एक जब एक पखवाड़ा पूर्व बाढ़ में तीन अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद यह खुलासा हुआ था कि उन्हें अनंत सिंह ने भोला सिंह और मुकेश सिंह की हत्या की सुपारी दी  थी । बाद में इससे संबंधित एक ऑडियो भी जारी किया गया था। इस ऑडियो में अनंत सिंह अपने गुर्गे को स्पष्ट रूप से यह कह रहे हैं कि यदि अगर वह काम को सही तरीके से अंजाम दे देता है तो उसे पांच लाख रुपये के अतिरिक्त एक ए.के. 47 राइफल भी दिया जाएगा। बाद में पुलिस मुख्यालय में अनंत सिंह की आवाज का नमूना भी लिया गया था ताकि इसका मिलान ऑडियो में शामिल उनकी आवाज से किया  जा सके। जानकारी के मुताबिक ऑडियो में शामिल आवाज का अनंत सिंह की  आवाज से मिलाने हो जाने के बावजूद पुलिस तब तक उन्हें गिरफ्तार न करने की नीति पर चल रही थी जब तक कि अनंत सिंह के खिलाफ उनके पास कोई और ठोस सबूत हाथ  नहीं लग जाते हैं। इस दौरान अनंत सिंह लगातार इस बात से इनकार करते रहे कि वह भोला सिंह और मुकेश की हत्या करने की साजिश में शामिल हैं।

लेकिन शुक्रवार को पुलिस को उस समय बड़ी सफलता मिली जब ग्रामीण एसपी  कांतेश मिश्रा और एएसपी लिपि सिंह के नेतृत्व में लदमा स्थित उनके घर  की तलाशी ली गई। चार घंटे से भी अधिक चले इस तलाशी अभियान में एक एके 47, 26 कारतूस और दो  ग्रेनेड  बरामद होने के बाद से ही उनको सलाखों के पीछे करने का रास्ता साफ हो गया। जानकारी के मुताबिक पुलिस मुख्यालय से यह स्पष्ट निर्देश मिला कि हथियारों की बरामदी के बाद अनंत सिंह के खिलाफ यूएपीए एक्ट के तहत मामला दर्ज करके उन्हें लंबे समय के लिए सलाखों के पीछे भेज दिया जाये।

घर से हथियार की बरामदगी के बाद से ही अनंत सिंह भी लगातार पैंतरा बदलते रहे। पहले उन्होंने मीडिया के सामने एएसपी लिपि सिंह पर यह आरोप लगाया कि जेडीयू सांसद ललन  सिंह के इशारे पर उनके घर में लिपि सिंह ने ही ए.के. 47 राइफल   रखवाया  है। चूंकि  लोकसभा चुनाव में उन्होंने ललन  सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है । उन्होंने यहां तक कहा था कि ललन  सिंह ने  सार्वजनिक तौर पर उन्हें धमकी दी  थी  कि वह उनका हेम्योपैथिक इलाज करेंगे। अब ललन  सिंह  उनका हेम्योपैथिक इलाज कर रहे हैं। उनका कहना था कि वह पिछले 14 साल से अपने घर पर गये ही नहीं तो वहां हथियार कैसे रखेंगे। खुद को गलत तरीके से फंसाने के खिलाफ उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिलकर उनसे गुहार लगाने की बात कही थी।  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए वह समय मांगने की तैयारी में ही थे कि उनके खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इसके बाद अंडरग्राउंड होकर गिरफ्तारी से बचने के लिए हाथ -पांव मारने में ही उन्होंने अपनी भलाई समझी। इस बीच खबर मिल रही है कि पटना पुलिस ने अनंत सिंह के घर के केयरटेकर सुनील राम को गिरफ्तार कर लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। इसके साथ ही यह बात भी सामने आ  रही है कि जो ए. के. 47  राइफल अनंत सिंह के घर से बरामद हुई है उसके तार जबलपुर से जुड़े हुये हैं। पुलिस महकमें से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अनंत सिंह की गिरफ्तारी तय है। यह समय की बात है कि वह कब गिरफ्तार होते हैं।

 


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