पटना, 18 अगस्त (हि.स.)। मोकामा के विधायक अनंत सिंह की फरारी के बाद अब पुलिस के लिए लाख टके का सवाल यही है कि वह कहां है और उन्हें कैसे जल्द से जल्द गिरफ्त में लिया जा सकता है। अनंत सिंह का पुलिस के साथ पुराना रिश्ता रहा है, वह पुलिस के हर चाल से वाकिफ हैं। पुलिस के रंग ढंग से ही उन्हें अहसास हो गया था कि कभी भी उन्हें दबोचा जा सकता है। इसलिए तू डाल डाल तो मैं पात पात के तर्ज पर पुलिस की आंखों में धूल झोंककर वह फरार हो गये। शनिवार की आधी रात को ग्रामीण एसपी कांतेश मिश्रा, सिटी एसपी सेंट्रल विनय तिवारी और एएसपी लिपि सिंह के नेतृत्व में जिस वक्त उनके पटना स्थिति सरकारी आवास पर दबिश बनायी जा रही थी वह वहां से कब का निकल चुके थे।
सूत्रों का कहना है कि अनंत सिंह पुलिस के हाथ में पड़ने के बजाये कोर्ट में सरेंडर करने की तैयारी में है। इसके लिए उन्होंने अपने वकील से भी बात कर ली है। यदि सब कुछ उनके मनोकूल रहा तो वह सोमवार को कोर्ट में सरेंडर करने की पूरी कोशिश करेंगे। जबकि पुलिस की रणनीति उन्हें कोर्ट में पहुंचने से पहले ही दबोचने की है। इसके लिए पुलिस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। तमाम मुखबिरों को चौकन्ना कर दिया गया है। जिस तरह वह तमाम तैयारियों के बावजूद पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार होने में कामयाब हुए हैं उससे पुलिस की किरकिरी भी हो रही है। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने इसे अपने प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है। पुलिस की कोशिश हर हाल में अनंत सिंह को कोर्ट में सरेंडेर करने से पहले गिरफ्त में लेने की है। ग्रामीण एसपी कांतेश मिश्रा ने दावा किया है कि बहुत जल्द उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। फिलहाल अनंत सिंह के सरकारी आवास से कुख्यात अपराधी छोटन को गिरफ्तार करके पुलिस भले ही अपनी पीठ थपथपा रही हो लेकिन अनंत सिंह की फरारी ने साबित कर दिया है कि वह अभी भी पुलिस से चार कदम आगे हैं।
सूत्रों का कहना है कि लदमा स्थित उनके पैतृक आवास से एके—47, 26 करतूस और, 3 ग्रेनेड की बरामदी के बाद जिस तरह से पुलिस ने उनके खिलाफ आक्रमक कार्रवाई करते हुये यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज किया उससे वह थोड़ी देर के लिए बौखला गये थे। इस मामले में जदयू के सांसद ललन सिंह का नाम लेकर उन्होंने इसे राजनीतिक रंग देने की पूरी कोशिश की लेकिन जब उन्हें अहसास हो गया कि पुलिस का शिकंजा उन पर कसता जा रहा है तो उन्होंने सधे हुये अंदाज में चार कदम पीछे हटने में ही अपनी भलाई समझी और अंडरग्राउंड हो गये। सूत्रों का कहना है कि उनके वकीलों ने भी उन्हें यही सलाह दी कि उनके खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज होने के बाद उनके पास गिरफ्तारी या सरेंडर के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। बेहतर होगा कि पुलिस के हाथ में पड़ने के बजाय सकुशल सरेंडर करने के बारे में सोचे। इसके बाद वह सरेंडर करने के बारे में गंभीरता से सोचने लगे।
रविवार को कोर्ट बंद होने की वजह से अनंत सिंह के सामने सबसे बड़ी चुनौती खुद को पुलिस के हाथों में पड़ने से बचाना था लेकिन इस मामले में वह अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुये बचने में कामयाब रहे। लदमा में उनके घर से केयरटेकर सुनील राम और फिर पटना स्थित उनके सरकारी आवास से कुख्यात अपराधी छोटन सिंह की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस उनके खिलाफ केस और मजबूत करती रही। एके—47 का कनेक्शन पहले ही जबलपुर से जुड़ चुका है। कहा जा रहा है कि छोटन सिंह की गिफ्तारी के बाद अनंत सिंह पर एक कुख्यात अपराधी को अपने सरकारी आवास में शरण देने का मामला दर्ज करने की तैयारी में पुलिस लगी हुई है। छोटन सिंह के पास से अनंत सिंह का सरकारी फोन भी बरामद हुआ है।