वायुसेना ने कहा, एएन-32 में सवार 13 लोगों में से अब कोई जीवित नहीं

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 विमान लापता होने के दिन से ही सेना, आईटीबीपी, भारतीय नौसेना, इसरो, राज्य पुलिस और जिला प्रशासन सहित विभिन्न एजेंसियों के कर्मियों और संसाधनों को इसकी तलाश थी। खोज के लिए सी-130जे विमान, सुखोई-30 एमकेआई विमान, भारतीय नौसेना के पी8आई लंबी दूरी के टोही विमान, उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर, एमआई-17 और चीता हेलीकॉप्टर तैनात किए गए और उपग्रह फोटोग्राफी भी की गई।



नई दिल्ली, 13 जून (हि.स.)। अरुणाचल प्रदेश में तीन जून 2019 को लापता हुए वायु सेना के विमान एएन-32 का मलबा मिलने के दो दिन बाद बचाव दल के आठ सदस्य गुरुवार सुबह दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए। इसके बाद भारतीय वायु सेना ने कहा कि “भारतीय वायुसेना को यह बताते हुए दुख हो रहा है कि एएन-32 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद विमान में सवार 13 लोगों में से कोई भी जीवित नहीं बचा है।”
वायुसेना के प्रवक्ता ने बताया कि एएन-32 क्रैश में विंग कमांडर जीएम चार्ल्स, स्वाड्रन लीडर एच विनोद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर थापा, फ्लाइट लेफ्टिनेंट ए तंवर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस मोहंती, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एम के गर्ग, वॉरेंट ऑफिसर के के मिश्रा, सार्जेंट अनूप कुमार, कॉरपॉरल शेरिन, लीड एयरक्राफ्ट मैन एसके सिंह, लीड एयरक्राफ्ट मैन पंकज, नॉन कॉम्बैट एंप्लॉयी पुताली और नॉन कॉम्बैट एंप्लॉयी राजेश कुमार की मौत हुई है। वायुसेना ने ट्वीट करते हुए कहा, “भारतीय वायुसेना एएन-32 विमान हादसे में तीन जून 2019 को अपनी जान गंवाने वाले बहादुर एयर वॉरियर्स को श्रद्धांजलि देती है। दुख की इस घड़ी में हम पीड़ितों के परिवार के साथ खड़े हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले।”
असम के जोरहाट अड्डे से तीन जून को दोपहर करीब 12.30 बजे उड़ान भरने वाला वायु सेना का विमान एएन-32, शियोमी जिले के मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड में कभी नहीं पहुंचा। विमान का अंतिम संपर्क ग्राउंड स्टाफ के साथ उस दिन दोपहर एक बजे हुआ था। मंगलवार को, एक सप्ताह से अधिक समय के बाद विमान का मलबा मिला और भारतीय वायुसेना, सेना और नागरिक प्रशासन ने जीवित बचे लोगों और अन्य चीजों की तलाश करने के लिए दुर्घटना वाले इलाके का दौरा किया।
भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने पहले कहा था, “विमान का मलबा  विस्तृत रूप से खोज क्षेत्र में वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर से 12,000 फीट की अनुमानित ऊंचाई पर टेटो के उत्तर-पूर्व में लाइपो के 16 किमी उत्तर में देखा गया था।” विमान लापता होने के दिन से ही सेना, आईटीबीपी, भारतीय नौसेना, इसरो, राज्य पुलिस और जिला प्रशासन सहित विभिन्न एजेंसियों के कर्मियों और संसाधनों को इसकी तलाश थी। खोज के लिए सी-130जे विमान, सुखोई-30 एमकेआई विमान, भारतीय नौसेना के पी8आई लंबी दूरी के टोही विमान, उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर, एमआई-17 और चीता हेलीकॉप्टर तैनात किए गए और उपग्रह फोटोग्राफी भी की गई।
लापता एएन-32 का मलबा अरुणाचल के सियांग जिले के जंगल में मिलने की पुष्टि के बाद बुधवार को दो हेलिकॉप्टर के जरिए 15 जवान और पर्वतारोही की टीम दुर्घटना वाली जगह के पास उतारी गई थी। भारतीय वायुसेना की खोजी टीम गुरुवार सुबह एएन-32 विमान के दुर्घटनास्थल पर पहुंची, जहां उन्होंने कोई भी जीवित नहीं मिला। वायु सेना ने कहा कि इसी वजह से विमान में सवार 13 लोगों के परिवारों को सूचित कर दिया गया है कि कोई जीवित नहीं है।

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