तेरह वायु सैनिकों के शवों की तलाश में मौसम बन रहा बाधक
गुवाहाटी, 15 जून (हि.स.)।अरुणाचल प्रदेश में खराब मौसम के चलते गत 03 जून को वायु सेना का मालवाहक विमान एएन -32 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में 13 वायु सैनिक शहीद हो गए थे। उनके शवों को को वापस लाने के लिए विभिन्न एजेंसियों द्वारा चलाए जा रहे राहत अभियान में मौसम की बेरूखी काफी अड़चने पैदा कर रही हैं।
मौसम में सुधार होने पर वायु सेना के चीता और एएलएच हेलीकॉप्टरों को स्टैंडबॉय ऑपरेशन शुरू करने के लिए तैयार रखा गया है। वायु सेना ने ट्वीट कर बताया है कि वर्तमान में, हादसे वाले क्षेत्र में बारिश व घने बादल छाए रहने से अभियान में काफी दिक्कत आ रही है।
उल्लेखनीय है कि तलाशी अभियान चला रही टीमों ने गत 14 जून को एएन -32 विमान के कॉकपीट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) को बरामद कर लिया है। उसके बाद से ही वायु सैनिकों के नाश्वर शरीर को वहां से निकालने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं।
एएन -32 का मलबा अरुणाचल प्रदेश के लिपो से 16 किलोमीटर उत्तर में 12,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसकी खोज पिछले मंगलवार को वायुसेना के एमआई -17 हेलीकॉप्टर द्वारा की गई थी। विमान के मलबे की जानकारी मिलते ही मौके पर तुरंत कुल 15 पर्वतारोही दुर्घटनास्थल के निकटतम संभावित स्थानों पर पहुंच गए। लेकिन तब से, खराब मौसम की स्थिति बचाव कार्यों में बाधा बन रही है।
विंग कमांडर पुनीत चड्ढा ने मीडिया को बताया है कि, आईएएफ मृत वायु सैनिकों के नाश्वर शरीर को पुनः प्राप्त करने के लिए सभी तरह के लगातार प्रयास कर रहा है। वायुसेना के जवान इन वायु सैनिकों के परिवारों के साथ लगातार संपर्क में हैं। नियमित रूप से चल रहे बचाव कार्यों के बारे में परिजनों को अपडेट किए जा रहे हैं। वे मौसम के बारे में चुनौतियों के बारे में भी बता रहे हैं।