अमृतसर जेल ब्रेक : सात जेल कर्मी निलंबित

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पंजाब सरकार ने जालंधर के मंडलायुक्त को दिए जांच के आदेश



चंडीगढ़, 02 फरवरी (हि.स.)। पंजाब के अमृतसर स्थित केंद्रीय जेल की रविवार को तड़के सवा तीन बजे दीवार तोड़कर फरार हुए  तीन कैदियों के मामले में जेल के सात कर्मियों पर गाज गिर गई है। इन कर्मियों को आज दोपहर निलंबित कर दिया गया है। इनमें दो सहायक अधीक्षक, चार वार्डर तथा एक होमगार्ड शामिल है। यह कार्रवाई पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के आदेश पर की गई। मुख्यमंत्री ने आज इस मामले की न्यायिक जांच जालंधर डिवीजऩ के कमिश्नर को करने और इन सात दागी कर्मचारियों को निलंबित करने के आदेश जारी कर किए थे। जेल की सीसीटीवी फुटेज से इन पुलिस कर्मियों के कई सुराग मिले हैं।

जानकारी के अनुसार भागने वालों ने बैरक की दीवार से 10 ईंटें निकाल कर एक छेद बना लिया था। इसके बाद पहले उन्होंने अंदरूनी दीवार कूदी जो 16 फुट के करीब ऊंची थी और फिर बाहरी दीवार कूदी जो 21 फुट के करीब ऊंची थी। इसको कूदने के लिए उन्होंने स्टील बार के हुक का इस्तेमाल किया और सीढ़ी बनाने के लिए रज़ाई के कवर का प्रयोग किया। अंत में वह टावर नंबर 10 के पास से जेल कांप्लेक्स में से भाग गए जो सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में नहीं हैं। भागने वाले हवालाती में से एक की पहचान विशाल पुत्र सतीश कुमार आयु 22 वर्ष निवासी अरा कालोनी, मजीठा रोड, अमृतसर के रूप में हुई है जिसके खि़लाफ़ थाना छेहरटा में 2 अप्रैल 2019 को पॉक्सो एक्ट की धारा 376 के अंतर्गत मामला दर्ज था। वह जेल में 5 अप्रैल 2019 से बंद था।
बाकी दो भाई हैं जिनकी पहचान गुरप्रीत पुत्र सुखदेव सिंह आयु 34 वर्ष और जरनैल पुत्र सुखदेव सिंह आयु 25 वर्ष निवासी चंडीगढ़ रोड, खडूर साहिब, तरनतारन के तौर पर हुई। इनके खि़लाफ़ अमृतसर बी डिवीजऩ थाने में आई पी सी की धारा 379-बी और 395 के अंतर्गत एफ आई आर नंबर 165/18 और आईपीसी की धारा 399, 402 के अंतर्गत एफ आई आर नंबर 41/19 दर्ज थी। यह दोनों जेल में 8 जुलाई 2019 से बंद थे।
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि भागने वाले विशाल का भाई गौरव भी उसी बैरक में था जो नहीं भागा। डीजीपी ने बताया की भागने वाले हवालातियों को पकड़ने के लिए राज्य स्तर पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। शुरूआती रिपोर्ट्स के अनुसार इस जेल में मौजूद अन्य कैदियों ने जेल गार्डों को इन हवालातियों के भागने संबंधी सचेत भी किया था जिनमें फरार हुए हवालतियों में से एक का भाई भी शामिल है। प्राथमिक जांच के अनुसार भागने वालों को अभी तक बाहर से किसी भी तरह की मदद का सबूत नहीं मिला है जिससे साफ होता है कि बैरक नंबर 7 के 61 कैदियों में से ये तीन हवालाती कैदी अपने आप भागे हैं। बहरहाल पंजाब के एडीजीपी जेल ने बताया कि जेल ब्रेक मामले में कोताही के चलते दो सहायक अधीक्षक, चार वार्डर तथा एक होमगार्ड कर्मी को निलंबित कर दिया गया है।

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