दिवंगत कवि हरिवंश राय बच्चन की 113वीं जयंती, पिता को याद कर भावुक हुए अमिताभ बच्चन

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बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के पिता एवं दिवंगत कवि हरिवंश राय बच्चन की आज 113वीं जयंती है। इस मौके पर अमिताभ बच्चन पिता को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये पिता को नमन करते हुए दो ट्वीट किये। अपने पहले ट्वीट में अमिताभ बच्चन ने लिखा-‘मैं महान काव्य लिखना चाहता हूँ, महाकाव्य नहीं !” पर उन्होंने महान काव्य ही नहीं लिखा आत्मकथा के रूप में “महाकाव्य” भी रचा है। गद्यात्मक महाकाव्य  …. महाकाव्य में पर -चरित होता है, इसमें स्वचरित है। भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय कवियों में बच्चन जी का स्थान सुरक्षित।’
वहीं बिग बी ने दूसरा ट्वीट किया कि -’27 नवंबर, 2020 पूज्य बाबूजी डॉ. हरिवंश राय बच्चन जी की 113वीं जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि शत-शत नमन। “मैं कलम और बंदूक़ चलाता हूँ दोनों ; दुनिया में ऐसे बंदे कम पाए जाते हैं” “मैं छुपाना जानता तो जग मुझे साधु समझता ; शत्रु मेरा बन गया है छल रहित व्यवहार मेरा”। -बच्चन
अमिताभ बच्चन की इन दोनों पोस्ट्स के जरिये फैंस दिवंगत कवि हरिवंश राय बच्चन को नमन कर रहे हैं। हरिवंश राय बच्चन जाने माने कवि थे।  प्रख्यात कवि हरिवंश राय बच्चन का जन्म 27 नवंबर 1907 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के बाबूपट्टी गांव में हुआ था। उनके द्वारा रचित काव्यसंग्रह  ‘मधुशाला’ को आज भी लोग याद करते हैं। इस किताब की रचनाओं ने साहित्य जगत को एक अलग ही पहचान दी थी। इसके अलावा हरिवंश राय बच्चन को ‘दो चट्टानें’ के लिए हिन्दी कविता का साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था । भारत सरकार द्वारा 1976 में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
अमिताभ बच्चन अक्सर अपने पिता को याद कर उनसे जुड़ी बाते एवं उनकी कविताएं अक्सर फैंस के साथ साझा करते रहते हैं।

 


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