लखनऊ, 29 नवम्बर (हि.स.)। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि हमारे पड़ोस से आतंकवाद के जो बीज बोये जाते हैं, उससे बचाव के लिए सीमाओं की सुरक्षा को और चुस्त-दुरुस्त करना जरूरी है। अर्ध सैनिक बलों और राज्य पुलिस के बीच अभेद समन्वय होना चाहिए। भारत सरकार ने आईपीसी और सीआरपीसी में आमूल-चूल परिवर्तन करने का एक बहुत बड़ा काम हाथ में लिया है। संसद के इसी सत्र में आर्म्स एक्ट बदल रहे हैं, नारकोटिक्स एक्ट में भी कानूनन संशोधन कर रहे हैं और उसके बाद आईपीसी और सीआरपीसी में संशोधन करेंगे।
शाह शुक्रवार को ऑल इंडिया पुलिस विज्ञान कांग्रेस 2019 के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। हम एक सेंट्रल रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी बनाने जा रहे हैं और जिन राज्यों में पुलिस यूनिवर्सिटी नहीं है वहां पर उसका एक कॉलेज खोलेंगे जहां प्रोफेशनल पुलिस के बारे में शिक्षा दी जाएगी। इसमें फोरेंसिक साइंस, क़ानून, अभियोग और विवेचना के साथ-साथ पुलिस स्टेशन चलाने की भी शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पहले भी जब वे गुजरात के गृहमंत्री थे तो वहां हुई पुलिस कांग्रेस में शामिल होने का मौका मिला था।
उन्होंने कहा कि हर जगह हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने वाले जवानों का हर वक्त सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद, नक्सलवाद आदि पर काम करते हुए अब तक 35 हजार से ज्यादा जवानों ने शहादत दी है। देश की जनता को ये अनुभूति करनी होगी कि जब कोई भाई अपनी बहन के घर राखी बंधवाने जाता है तब भी पुलिस का सिपाही ट्रैफिक की जिम्मेदारी संभालता है। जब आप होली या दिवाली मना रहे होते हैं तो उस दिन भी पुलिस का जवान लॉ एंड ऑर्डर की चिंता करता है।
उन्होंने कहा कि हजारों जवानों ने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर किए हैं, तब जाकर देश की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में भव्य पुलिस स्मारक स्थापित किया है। क्या इस स्मारक को हम अपने-अपने राज्यों में पुलिस चेतना का जरिया बना सकते है? देश के एक-एक नागरिक के मन में पुलिस के प्रति सम्मान की भावना पैदा करना हमारी प्राथमिकता है। जब तक ये नहीं कर सकते, तब तक हम आंतरिक सुरक्षा को ठीक से नहीं निभा सकते। उन्होंने मौजूद अधिकारियों से आग्रह किया कि एक अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस सिर्फ इस विषय पर होनी चाहिए कि 1960 से लेकर 2019 तक जितने भी प्रस्ताव पारित किये गए, उनका क्या हुआ ?
गृह मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के पहले यहां के लॉ एंड ऑर्डर की बहुत चर्चाएं होती थी। आज मैं भाजपा अध्यक्ष और देश के गृह मंत्री दोनों के नाते कह सकता हूं कि योगी जी ने उत्तर प्रदेश के लॉ एंड ऑर्डर को बहुत सुधार दिया है।
स्थानीय नहीं रहा अपराध का दायरा: योगी आदित्यनाथ
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अपराध का दायरा स्थानीय होने के बजाय बहुत बढ़ गया है। आज इसको समझने की जरूरत है। जिस तरह अपराध का दायरा बढ़ रहा है, उसी हिसाब से हमें टेक्नॉलाजी के प्रयोग को बढ़ाना पड़ेगा। कुंभ मेले में कमांड और कंट्रोल का उपयुक्त उपयोग करके एक भी घटना नहीं होने देना, हमारे जवानों की सबसे बड़ी कामयाबी रही। स्थानीय प्रशासन ने भी टेक्नॉलाजी के बेहतर उपयोग का परिचय दिया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या पर फैसला देने के बाद 500 वर्षों का विवाद खत्म हुआ। इसके साथ ही उस समय सौहार्द्र बनाये रखना हमारी पुलिस का भी सराहनीय कदम रहा। इसकी सराहना पूरे विश्व में हो रही है।
लखनऊ के पुलिस मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा सहित विभिन्न मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इसके पहले लखनऊ पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह का विधि मंत्री ब्रजेश पाठक, खादी ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने एयरपोर्ट पर स्वागत किया।