नई दिल्ली, 06 अगस्त (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केन्द्रशासित प्रदेशों में बांटने से जुड़ा संकल्प और विधेयक मंगलवार को लोकसभा में चर्चा के लिए पेश किया गया। विधेयक को पेश करते हुए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) और चीन अधिकृत अक्साई चिन सहित जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
गृहमंत्री ने कहा कि वह जब जम्मू-कश्मीर की बात करते हैं तो उसमें पीओके और अक्साई चिन भी आता है। इस दौरान विपक्ष की ओर से उनके मुद्दे पर उत्तेजित होने की बात कही गई, जिसके जवाब में गृहमंत्री ने कहा, ‘‘एग्रेसिव होने की क्या बात कर रहे हैं, जान दे देंगे इसके लिए…।’’
अमित शाह ने लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही जम्मू-कश्मीर संबंधी संकल्प और विधेयक चर्चा के लिए प्रस्तुत किए। कांग्रेस नेता चौधरी ने गृहमंत्री से पूछा कि सरकार कह रही है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। संयुक्त राष्ट्र संघ इसे 1948 से मोनिटर कर रहा है। जिस पर गृहमंत्री ने पूछा कि क्या यह उनकी पार्टी का आधिकारिक बयान है और इसकी संयुक्त राष्ट्र जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को मॉनिटर कर सकता है। इस पर चौधरी ने कहा कि वह केवल स्पष्टीकरण चाहते हैं कि मामले में शिमला और लाहौर समझौता हुआ है जिसके तहत इसे द्विपक्षीय मुद्दा बताया गया है। हाल ही में विदेश मंत्रालय ने भी अमेरिका के मध्यस्थता संबंधी मुद्दे पर भी यही कहा था।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि भारत और जम्मू कश्मीर दोनों का संविधान स्पष्ट कहता है कि राज्य भारत का अभिन्न अंग है। सरकार को उसके लिए कानून और संकल्प लाने का पूरा हक है और इस पर कोई कानूनी और वैधानिक प्रश्न नहीं उठा सकता है। सरकार इस पर कानून बनाने के लिए पूरी तरह योग्य है।
इससे पहले कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार ने सभी नियम, कायदे और कानून का उल्लंघन किया है। जिस पर गृहमंत्री ने कहा कि वह देश की सबसे बड़ी पंचायत में खड़े हैं और उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि किस नियम का उल्लंघन हुआ है, ऐसे ही जनरल बात नहीं कहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य को सरकार ने कैदखाना बना दिया है, पूर्व मुख्यमंत्रियों को कैद कर दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश का हित नहीं चाहती, ऐसा माहौल न बनाएं।