अमित शाह ने किया ‘विश्वास एवं साइबर आश्वस्त प्रोजेक्ट’ का शुभारम्भ

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इसके माध्यम से साइबर अपराध पर रोकथाम में मदद मिलेगी। 



अहमदाबाद, 11 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र गांधीनगर के महात्मा मंदिर में ‘विश्वास एवं साइबर आश्वस्त प्रोजेक्ट’ का शुभारम्भ किया। इसके माध्यम से साइबर अपराध पर रोकथाम में मदद मिलेगी।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गुजरात में साइबर अपराध से पीड़ित लोगों को साइबर क्राइम क्या है, इसके बारे में अवगत कराया जाएगा। शाह ने कहासांप्रदायिक दंगों के रूप में जाना जाने वाला गुजरात आज विकास के लिए जाना जाता है। भाजपा नेता ने कहा, गुजरात में साइबर अपराध से पीड़ित लोगों को सही मायने में जानकारी देकर आश्वस्त किया जाएगा। कानूनी प्रणाली को नियंत्रित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना आवश्यक है। गुजरात को एक समय में सांप्रदायिक युद्ध के क्षेत्र के रूप में जाना जाता था। आज विकास क्षेत्र के रूप में जाना जाता है।
शाह ने कहा कि एक दौर में गुजरात के पोरबंदर में उन्होंने खुद ऐसा बोर्ड देखा था, जिस पर लिखा था, ‘यहां से पोरबंदर की सीमा शुरू होती है ओर भारत का कानून यहां से लागू नहीं होता है।’ राज्य में भाजपा के शासन से पहले सांप्रदायिक दंगे कर्फ्यू, हिंसा और आगजनी आम बात थी। नरेंद्र मोदी की सरकार बनने पर अपराधियों के साथ जन प्रतिनिधियों के साठगांठ वाली प्रणाली ध्वस्त हो गई। जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब सबसे पहले गुजरात में तकनीक की शुरुआत हुई थी। मैं आपको इतने बड़े पैमाने पर सीसीटीवी और विश्लेषण और वितरण प्रणाली के लिए बधाई देता हूं।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि विश्वास एवं साइबर आश्वस्त प्रोजेक्ट साइबर अपराध को रोकने में मददगार साबित होगा। नब्बे के दशक में गुजरात सांप्रदायिक दंगों के लिए जाना जाता था। अब यह 2020 में विकास के लिए जाना जाता है। एक समय में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के दौरान भी सुरक्षा व्यवस्था भगवान के भरोसे रहती थी। उस दौर में पुलिस की कोई भूमिका नहीं थी। यहां तक ​​कि गुजरात में ऐसे  राजनेता थे, जो अपराधियों को संरक्षण देते थे और उन्हें पुलिस से बचाते थे। गुजरात में नई पीढ़ी ने कर्फ्यू नहीं देखा है। अपराध में बदलाव होने पर पुलिस ने सुरक्षा के भी इंतजाम किए हैं। आंतरिक विभाग के पास कानूनी प्रणाली में नई चुनौतियों का सामना करने का अवसर है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोग यह भी महसूस कर रहे हैं कि देश में आंतरिक और बाह्य सुरक्षा बहुत सुदृढ़ है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस व विपक्ष के पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विकल्प नहीं है, इसलिए वह नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर देश के युवा और अल्पसंख्यकों को गुमराह कर शांति व कानून व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए उकसा रहा है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि देश को स्वाधीनता दिलाने के लिए गुजरात के दो महान पुत्र महात्मा गांधी व सरदार पटेल ने स्वाधीनता आंदोलन चलाया और देश को आजादी दिलाई। प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के रूप में गुजरात के इन दो पुत्रों ने भी देश व दुनिया में गुजरात का नाम रोशन किया है। देश को एक मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए मोदी व शाह ने एक के बाद एक बड़े फैसले किए। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करने, राममंदिर निर्माण आंदोलन, संशोधित नागरिकता अधिनियम, तीन तलाक जैसे कई निर्णयों से देश में सुरक्षा और कानून के शासन की अनुभूति होने लगी है। गुजरात में वर्ष 2001 से पहले शहर व गांवों में अपराधी तत्व सक्रिय थे जिनसे उद्यमी ही नहीं पुलिस भी भय खाती थी।

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