मिडल ईस्ट की बजाय रूस-चीन पर अधिक फोकस करने में जुटा अमेरिका

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अमेरिका की ओर से मिडल ईस्ट में चौदह हजार सैनिकों को भेजे जाने की खबरें गलत है।



लॉस एंजेल्स, 08  दिसम्बर (हि.स.)। अमेरिका का दावा है कि उसकी मिलिट्री का फोकस मिडल ईस्ट की बजाय रूस और चीन पर है। वह इसे ध्यान में रखते हुए योजना बना रहा है।
पेंटागन चीफ और रक्षा मंत्री मार्क एसपर ने कहा है कि बेशक मिडल ईस्ट में सुरक्षा को लेकर ज्यादा खतरा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की ओर से मिडल ईस्ट में चौदह हजार सैनिकों को भेजे जाने की खबरें गलत है। उन्होंने कहा कि रूस और चीन छोटे देशों के प्रति आर्थिक और सुरक्षा संबंधी मामलों में वीटो का उपयोग कर रहे हैं।
रीगन नेशनल डिफेंस फोरम में मार्क एसपर ने शनिवार को रक्षा विभाग की ओर से सामरिक रणनीति और योजना पर चर्चा करते हुए कहा कि वह अपने पूर्व रक्षा मंत्री जिम मैटिस की रक्षा प्राथमिकताओं को पूरा करने में जुटे हैं। एसपर ने जुलाई में पेंटागन मुखिया का कामकाज संभाला है। उन्होंने कहा कि यह कहना सरासर गलत है कि पेंटागन ने मिडल ईस्ट में 14  हजार अतिरिक्त सैनिक भेजे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना के सीरिया से वापस बुलाए जाने के बाद वाशिंगटन की चिंता बढ़ी है। सीरिया के उत्तर में जहां कुर्दिश लड़ाके अमेरिकी सहयोग से इस्लामिक स्टेट को खदेड़ने में लगे थे, उन्हें तुर्की सेना से परेशानी हो रही है। यही नहीं, इराक में गृह युद्ध की स्थिति बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि पेंसकोला (फ्लोरिडा) में नौसेना स्टेशन पर सऊदी के अमेरिका में प्रशिक्षणरत सैनिक ने जिस तरह गोलीबारी में तीन अमेरिकी लोगों को मार दिया है, उससे अमेरिका और सऊदी के संबंधों में आंच आ सकती है।

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