क्वाड देशों की एकजुटता से चीन की बढ़ी चिंता, कहा- सफल नहीं होगा संगठन

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बीजिंग, 25 सितंबर (हि.स.)। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुलाकात और क्वाड देशों की एकजुटता के चलते चीन की चिंता बढ़ने लगी है। तालिबान का समर्थन करने पर चौतरफा आलोचना झेल रहा चीन अब भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान को मिलाकर गठित हुए क्वाड संगठन से बौखलाया गया है। अमेरिका में क्वाड के पहले शिखर सम्मेलन से पहले तिलमिलाए चीन ने इसको लेकर एक बार फिर कहा है कि इस संगठन का असफल होना निश्चित है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में क्वाड के पहले शिखर सम्मेलन का आयोजन किया है जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारीसन और जापान के प्रधानमंत्री योशीहिंदे सुगा शामिल हुए हैं। व्यक्तिगत उपस्थिति वाला यह पहला शिखर सम्मेलन है।

क्वाड के पहले शिखर सम्मेलन पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि चार देशों के समूह को किसी तीसरे देश और उसके हितों को लक्षित नहीं करना चाहिए। झाओ ने कहा कि चीन का हमेशा से यह मानना रहा है कि किसी तीसरे देश के खिलाफ छोटा गठबंधन बनाना समय के प्रवाह और क्षेत्र के देशों की आकांक्षा के खिलाफ है। ऐसे गठजोड़ को समर्थन नहीं मिलेगा और उसका असफल होना निश्चित है। दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे का बचाव करते हुए झाओ ने कहा कि चीन विश्व शांति का निर्माता, वैश्विक विकास का योगदानकर्ता और विश्व व्यवस्था का धारक है।

इतना ही नहीं नई दिल्ली में चीन के राजदूत ने द्विपक्षीय संबंधों को लेकर नसीहत दे डाली। पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच जारी सैन्य गतिरोध के बीच चीनी राजदूत सुन वीडांग ने कहा कि भारत के साथ सीमा पर शांति और सौहार्द्र महत्वपूर्ण है, लेकिन द्विपक्षीय संबंधों में यह सबकुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि संबंधों की वर्तमान स्थिति स्पष्ट रूप से दोनों पक्षों के मौलिक हित में नहीं है।


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