नई दिल्ली, 09 जुलाई (हि.स.)। अफगानिस्तान में 20 साल के सैन्य अभियान को अधूरा छोड़कर अमेरिका के वहां से निकलने की जल्दीबाजी की आलोचना हो रही है। इन आलोचनाओं के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि अमेरिका की एक और पीढ़ी को अफगानिस्तान की जंग में वह नहीं भेजना चाहते हैं। वह भी तब जबकि इसका कोई तार्किक हल नहीं हो। उन्होंने कहा कि आखिरकार अभी कितने हजार अमेरिकी बच्चों की जान को खतरे में डालना चाहते हैं।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने इस वर्ष 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी का ऐलान किया था लेकिन तय समय से पहले ही अमेरिकी सैनिकों की वापसी हो रही है। बाइडेन ने 31 अगस्त तक अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान में सैन्य अभियान बंद किये जाने की घोषणा की है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्वीकार किया है कि अफगानिस्तान समस्या का सैन्य समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान सरकार और तालिबान से एक शांति समझौते तक पहुंचने को कहा गया है।
उधर, अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की समय पूर्व वापसी ने वहां की सरकार के लिए पेचीदा स्थिति पैदा कर दी है। यह संकट इसलिए और गहरा है क्योंकि अफगानिस्तान की सरकार को उम्मीद थी कि कुछ संख्या में अमेरिकी सैनिक फिलहाल रुकेंगे। इससे तालिबान की शुरुआती चुनौती से निबटना थोड़ा कम मुश्किल होगा। इसके उलट जब अमेरिकी सैनिक लगातार वापस हो रहे हैं, तालिबान ने आक्रामक अंदाज में विभिन्न इलाकों में कब्जा करना शुरू कर दिया है।