चंडीगढ़,16 जुलाई (हि.स.)। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यदि नवजोत सिंह सिद्धू अपना काम नहीं करना चाहते तो वह इसमें कुछ नहीं कर सकते। कैप्टन आज संसद भवन (दिल्ली) में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ शिष्टाचार मुलाकात के बाद पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्री को धान के सीजन के महत्वपूर्ण समय में काम बीच में ही छोडऩे की बजाय नया विभाग स्वीकार करना चाहिए था। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जनरल द्वारा सौंपा गया काम करने से एक सिपाही कैसे इनकार कर सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिद्धू को बहुत अहम बिजली विभाग दिया गया था, जिसकी धान के सीजन के मौके पर जून से अक्तूबर महीने तक महत्ता और भी बढ़ जाती है। पंजाब के कई हिस्सों में उपयुक्त बारिश नहीं पड़ी और बिजली की स्थिति पर रोजाना निगरानी रखने की जरूरत होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह काम अब वह स्वयं कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि सरकार की कार्रवाई कारगर ढंग से चलानी है तो इसमें कुछ अनुशासन भी होना चाहिए। यह पूछे जाने पर क्या सिद्धू ने फिर सुलह सफ़ाई की कोशिश की है तो मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी कोई ज़रूरत नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मेरा उनके साथ कोई मतभेद नहीं है। यदि सिद्धू को मुझसे किसी तरह की कोई समस्या है तो आप इस संबंध में उनसे ही पूछो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिद्धू द्वारा अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष को भेजने में उनको कुछ गलत नहीं लगा। पत्रकारों के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रीमंडल का फैसला कांग्रेस हाईकमान की सलाह से किया जाता है, जिसके कारण सिद्धू द्वारा अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष को भेजना ठीक है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने आज प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात की क्योंकि मोदी के दूसरे कार्यकाल के बाद वह उनको अब तक नहीं मिले थे। हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री के पास श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर करवाए जाने वाले सम्मेलनों पर भी विचार-विमर्श किया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि विचार-विमर्श के दौरान 31000 करोड़ रुपये के अनाज कर्जों का मसला भी उठा और प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इससे भली भांति अवगत हैं।