जयपुर/अलवर, 29 जून (हि.स.)। अलवर के बहुचर्चित दो साल पुराने मॉब लिन्चिंग (उन्मादी भीड़ की हिंसा) प्रकरण में बहरोड पुलिस ने मृतक पहलू खां के खिलाफ शनिवार को आरोप-पत्र दाखिल किया। इसमें पहलू खां को गो तस्कर बताया गया है। उसके दो बेटों- इरशाद एवं आरिफ और वाहन मालिक खान मोहम्मद को भी आरोपित बनाया गया है। पहलू खां की मृत्यु के कारण उसके खिलाफ कार्यवाही बंद कर दी गयी है, जबकि अन्य आरोपितों के खिलाफ जारी रहेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि इस मामले की जांच भाजपा सरकार में हुई थी। इसमें अब कोई गड़बड़ी मिली तो दोबारा जांच कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस पार्टी वैचारिक रूप से देश में कहीं भी किसी भी तरह के लिन्चिंग के खिलाफ है। हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क है कि ऐसा दोबारा नहीं होगा। उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर का खंडन करते हुए कहा कि खबर तथ्यात्मक रूप से गलत है। पहलू खां का नाम राजस्थान पुलिस द्वारा दिसम्बर 2018 में प्रस्तुत आरोप-पत्र में नहीं है। यह एक अलग मामला है, जो पिछली सरकार के दौरान 2017-18 में आरिफ, इरशाद और खान मोहम्मद के खिलाफ पंजीकृत और जांच किया गया था। चूंकि आरोप-पत्र में अभियुक्तों के नाम दिसम्बर 2018 में प्रस्तुत करने के समय मौजूद नहीं था, इसलिए जिला अदालत ने 24 मई 2019 को चालान को स्वीकार कर लिया।
हरियाणा के रहने वाले पहलू खां और उसके दोनों बेटों पर राजस्थान के अलवर में 11 अप्रैल 2017 को उन्मादी भीड़ ने हमला कर दिया था। पहलू खां पर आरोप था कि वह राजस्थान सरकार की बिना इजाजत के गाय लेकर वाहन से गुजर रहा था। पहलू खां पर हमले के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। उसे अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
इस मामले में आरोप-पत्र पिछले वर्ष गहलोत सरकार के सत्तारूढ़ होने के करीब दो सप्ताह बाद यानी 30 दिसम्बर को तैयार की गई थी। इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई। भाजपा ने पहलू खां को अपराधी बताकर कांग्रेस पर उसकी मदद करने का आरोप लगाया। वहीं एआईएमआईएम के प्रमुख एवं हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस को भाजपा जैसा बताया है। ओवैसी ने कहा कि सत्ता में आने पर कांग्रेस भाजपा जैसी बन जाती है। राजस्थान के मुस्लिमों को ये बात समझ लेनी चाहिए और उन लोगों, संस्थाओं का विरोध करना चाहिए जो कांग्रेस के लिए काम करते हैं।
उल्लेखनीय है कि जनवरी 2018 में राज्य की भाजपा सरकार के दौरान इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की गयी थी। एक एफआईआर में पहलू और उसके परिवार पर हमला करने वाली भीड़ को आरोपित बनाया गया था, जबकि दूसरी एफआईआर पहलू खां और उसके परिवार के खिलाफ की गई। इसमें पहलू और उसके परिवार पर गो तस्करी का आरोप लगाया गया था।