नई दिल्ली, 29 जून (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने 29 जुलाई से 16 अगस्त के बीच होने वाली परीक्षा के लिए ‘ऑप्ट आउट’ स्कीम पर रोक लगाने की मांग करनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए इंडियन चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) को निर्देश दिया है कि वो अपने दिशा-निर्देश में परिवर्तन करे, जिसमें अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र बदलने और ऑप्ट आउट करने की अनुमति दी जाए। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने आईसीएआई को निर्देश दिया कि वो नया नोटिफिकेशन जारी करे। मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने कोर्ट से गलत तथ्य के लिए माफी मांगते हुए कहा कि इस साल 4.67 लाख अभ्यर्थी न होकर 3.46 लाख हैं। उन्होंने कहा कि आईसीएआई ने परीक्षा केंद्रों को बढ़ाने के मामले पर कोई जवाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि ऑप्ट आउट स्कीम उन अभ्यर्थियों के लिए भेदभावपूर्ण है जो कंटेंमेंट जोन में या उन राज्यों के निवासी हैं जिन राज्यों में लॉकडाउन अभी भी जारी है। उन्होंने कहा कि बिहार के कई छात्रों ने कोलकाता में 15 दिन तक होनेवाली परीक्षा देने को ऑप्ट किया है। कोलकाता में अभी भी लॉकडाउन है। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके लिए डेडलाइन हो सकती है। प्रशासन इंतजाम कर सकता है।
श्रीवास्तव ने कहा कि हम चाहते हैं कि सीबीएसई परीक्षा के लिए जिस तरह गृह मंत्रालय ने दिशा-निर्देश जारी किया, उसी तरह चार्टर्ड एकाउंटेंट की परीक्षा के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किया जाए। कोर्ट ने कहा कि जो दिशा-निर्देश सीबीएसई के लिए लागू होगा, वही इस परीक्षा के लिए भी होगा। अगर परीक्षा केंद्र को लेकर कोई समस्या है तो हम उसके मुताबिक आदेश पारित करेंगे। अलख आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य भी हैं जहां केवल एक ही परीक्षा केंद्र है, वे कैसे ट्रैवल करेंगे। कोर्ट ने कहा कि क्या आप अपेक्षा करते हैं कि हर अभ्यर्थी के आवास पर जाकर एक बस पिकअप करे।
आईसीएआई की ओर से वरिष्ठ वकील रामजी श्रीनिवासन ने कहा कि परीक्षा पांच सौ केंद्रों पर होगी। कोर्ट ने कहा कि परीक्षा केंद्रों में बदलाव के विकल्प चुनाव की तिथि अंत तक के लिए बढ़ाई जानी चाहिए ताकि अगर कोई कंटेंमेंट जोन निकलता है तो उससे निपटा जा सके। जस्टिस एएम खानविलकर ने श्रीवास्तव से पूछा कि परिस्थिति में बदलाव आ सकता है। इसलिए केंद्र में बदलाव का विकल्प परीक्षा शुरू होने के अंतिम सप्ताह तक होनी चाहिए। क्या से संभव है। श्रीनिवासन ने कहा कि सभी मसलों का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में जो ऑप्ट आउट स्कीम चुनेंगे और नवंबर में परीक्षा देन का विकल्प रखेंगे और उनके क्वालिफिकेशन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
श्रीनिवासन ने कहा कि 53 हजार अभ्यर्थियों ने जुलाई-अगस्त की परीक्षा से ऑप्ट आउट किया है। तब जस्टिस खानविलकर ने पूछा कि जिन्होंने ऑप्ट आउट नहीं किया है और वे परीक्षा देने की स्थिति में नहीं हों, उस स्थिति में भी उन्हें ऑप्ट आउट अभ्यर्थियों की तरह की लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थितियां लगातार बदल रही हैं। तब श्रीनिवासन ने कहा कि जो अभ्यर्थी परीक्षा देने में सक्षम नहीं होंगे वे एक ई-मेल से हमें सूचित कर दें। हम उन्हें ऑप्ट आउट मान लेंगे। आईसीएआई के सचिव राकेश सहगल ने कोर्ट से कहा कि अगर स्थिति और खराब होगी तो हम सभी छात्रों को ऑप्ट आउट की अनुमति दे देंगे।
चार्टर्ड अकाउंटेंट की इस साल मई में होने वाली परीक्षाएं 29 जुलाई से 16 अगस्त के बीच होनी है। ‘ऑप्ट आउट’ स्कीम के लिए तिथि भी कल तक ही है। अगर कोई छात्र कोरोना की वजह से ‘ऑप्ट आउट’ स्कीम लेता है तो उसका इस साल का प्रयास रद्द माना जाएगा और वे छात्र मई 2020 की परीक्षा से वंचित हो जाएंगे। याचिका में परीक्षा केंद्रों की संख्या और बढ़ाने और 4.67 लाख छात्रों के लिए कोरोना से बचाव के बेहतर उपाय करने की मांग की गई है। सुनवाई के दौरान आईसीएआई की ओर से वरिष्ठ वकील रामजी श्रीनिवासन ने कोर्ट को बताया कि याचिका गलत समझ के आधार पर दायर की गई है और आईसीएआई का किसी भी छात्र के प्रति कोई दुर्भावना नहीं है।