पटना, 31 मई (हि.स.)। एक जून से राज्य के अंदर बस सहित सभी पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन का परिचालन शुरू हो जाएगा। रविवार को क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में लिये गये निर्णय के आलोक में परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुचारू रूप से लागू कराने के लिए राज्य के सभी डीएम, एसएसपी और एसपी को निर्देश दिया है।
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि बसों सहित सभी पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन का परिचालन एक सीट एक व्यक्ति के सिद्धांत के अनुसार किया जा सकेगा। राज्य में ई-रिक्शा, ऑटो रिक्शा, टैक्सी, ओला, उबर का परिचालन कंटोनमेंट क्षेत्र को छोड़कर अनुमान्य होगा।
उन्होंने बताया कि वाहन मालिकों को प्रतिदिन धुलवाने, साफ-सुथरा रखने और प्रत्येक ट्रिप के बाद सेनिटाइज करवाना होगा। ड्राइवर और कंडक्टरों को साफ कपड़े, मास्क और ग्लब्स पहनने होंगे। इसके अलावा कोविड-19 से बचाव के उपायों से संबंधित पोस्टर और स्टिकर वाहनों पर लगाना होगा। साथ ही यात्रियों के बीच प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराये गये पंपलेटों को वितरित करना होगा।
परिवहन सचिव ने कहा कि यात्रा के दौरान दो गज की दूरी का हर हाल में अनुपालन करना है। ड्राइवरों और कंडक्टरों को सख्त हिदायत है कि वाहनों में निर्धारित सीटों के अतिरिक्त एक भी यात्री नहीं लिया जायेगा। साथ ही बसों सहित प्रत्येक वाहनों में सेनिटाइजर रखना अनिवार्य होगा।
पान, खैनी, तंबाकु, गुटखा आदि का उपयोग पूरी तरह वर्जित
परिवहन सचिव अग्रवाल ने बताया कि वाहनों के अंदर पान, खैनी, तंबाकु, गुटखा आदि का उपयोग पूरी तरह वर्जित होगा। अगर कोई इसका इस्तेमाल करते हुए पकड़ा गया तो वह दंड का भागी होगा। इसके अलावा बस या टैक्सी स्टैंड में यत्र-तत्र थूकना वर्जित है। अगर कोई जहां-तहां थूकते पकड़ा गया तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बगैर मास्क पहने या चेहरा ढके किसी को भी यात्रा की अनुमति नहीं
परिवहन सचिव अग्रवाल ने बताया कि बगैर मास्क पहने या चेहरा ढके किसी को भी यात्रा की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक बस स्टैंडों में जिला प्रशासन की ओर से पर्याप्त संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की जायेगी जो सरकार और जिला प्रशासन की ओर से जारी प्रोटोकॉल का अनुपालन करायेंगे।
बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और बच्चे जरूरी होने पर ही यात्रा करें
परिवहन सचिव अग्रवाल ने कहा कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग और 10 साल से कम आयु के बच्चे, गर्भवती महिलाओं को सलाह दी गई है कि बहुत अधिक जरूरी होने पर ही यात्रा करें। यदि चिकित्सा संबंधी सहित अन्य आवश्यक कारण न हो तो बसों में सफर नहीं करें।