नई दिल्ली, 14 मई (हि.स.)। देश के अधिकांश हिस्सों में लागू लॉकडाउन ने सोना-चांदी के व्यापारियों को दूसरा अक्षय तृतीया का त्योहार निराश कर गया। एक अनुमान के मुताबिक देशभर में सोने-चांदी की दुकानें बंद रहने से लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का कारोबार नहीं हुआ। कारोबारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने शुक्रवार को ये जानकारी दी।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि आज अक्षय तृतीया के साथ ईद-उल-फितर का त्योहार होने से सोना-चांदी के व्यापारियों को अतिरिक्त नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर ईद पर भी अच्छा कारोबार होता है। खंडेलवाल ने कहा देश के अधिकांश राज्यों में इस वक्त लॉकडाउन लागू होने और जिन राज्यों में बाजार खुले थे, वहां कोरोना संक्रमण के भय से ग्राहक नहीं आए। यही वजह है कि कारोबार नहीं हुआ और देशभर के सोना-चांदी के व्यापारी (ज्वैलर्स) बेहद निराश और मायूस रहे। खंडेलवाल का दावा है कि देशभर में करीब 4 लाख ज्वैलरी के व्यापारी हैं।
धरतेरस के बाद अक्षय तृतीया पर ज्यादा बिकता है सोना
ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्थिम फेडरेशन (एआईजेजीएफ) के राष्ट्रीय संयोजक पंकज अरोरा ने बताया कि देश के ज्यादातर हिस्से में लॉकडाउन के चलते ज्वैलरी की अधिकांश दुकाने और बाजार बंद रहीं। अरोरा के मुताबिक धनतेरस के बाद अक्षय तृतीया ऐसा त्योहार त्योहार है, जब सोने की खरीददारी सबसे ज्यादा होती है। लेकिन, कोरोना महामारी की दूसरी लहर की वजह से लगातार दूसरे वर्ष अक्षय तृतीया पर सोने की खरीद न के बराबर हुई। गौरतलब है कि एआईजेजीएफ देश में ज्वैलरी व्यापारियों का शीर्ष संगठन है।
दो वर्ष पूर्व 10 हजार करोड़ रुपये का हुआ था कारोबार
एआईजेजीएफ के राष्ट्रीय संयोजक पंकज अरोरा ने बताया कि साल 2019 में सिर्फ अक्षय तृतीया पर ही सोने एवं ज्वेलरी का करीब 10 हजार करोड़ रुपये व्यापार हुआ था। उस समय सोने का दाम लगभग 35 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम था लेकिन पिछले साल साल 2020 में भी अक्षय तृतीया के अवसर पर देशव्यापी लॉकडाउन था। इसके बावजूद उस दौरान देशभर में करीब 980 करोड़ रुपये का सोने का कारोबार हुआ था। उन्होंने कहा कि उस वक्त सोना लगभग 52 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम था परंतु आज देश में सोने का भाव करीब 49 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम है, तब 20 टन सोने का भी व्यापार नहीं हो पाया है।