अजित डोभाल की मेहनत भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में नरमी के पीछे

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एक महीने से परदे के पीछे चल रहीं थीं दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की वार्ता ​इमरान खान के विशेष विमान को ​भारतीय हवाई क्षेत्र से गुजरने की अनुमति ​थी पांचवां संकेत 



नई दिल्ली, 25 फरवरी (हि.स.)। भारत और पाकिस्तान का गुरुवार को आया साझा बयान ​​एक महीने से परदे के पीछे चल रहीं दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाह​​कारों की वार्ताओं का नतीजा है। इसी महीने की शुरुआत में भारत-पाकिस्तान के बीच किसी तीसरे देश में हुई बैक-चैनल पर बातचीत के बारे में पहला संकेत तब आया था, जब पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने कहा था कि सभी दिशाओं में शांति का हाथ बढ़ाने का समय आ गया है।​ आखिरी संकेत भारत ने ​​​इमरान खान के विशेष विमान को श्रीलंका जाने के लिए ​​भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति ​देकर दिया था​​​
सूत्रों का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) की हॉटलाइन पर हुई वार्ता के लिए भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने एक महीने पहले से पाकिस्तान के साथ गुप्त बैक-चैनल वार्ता का नेतृत्व किया। परदे के पीछे हो रही इन बैठकों का मकसद पूर्वी लद्दाख में चीन को सीमा से वापस भेजने के बाद पाकिस्तान को सभी संधियों, समझौतों और संघर्ष विराम के नियमों का पालन कराने के लिए मजबूर करना था। डोभाल ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभाग और रणनीतिक नीति नियोजन के विशेष सहायक मोईद यूसुफ को खुफिया वार्ताकारों के माध्यम से सीधे संपर्क में लिया।
इस मामले से अवगत सूत्रों का कहना है कि आज जारी किया गया संयुक्त बयान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और उनके पाकिस्तानी समकक्ष के बीच किसी तीसरे देश में हुई बैक-चैनल बातचीत का पहला नतीजा है। इन वार्ताओं के बारे में सिर्फ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर को जानकारी थी। हालांकि भारत और पाकिस्तान द्वारा अपने शीर्ष सैन्य कमांडरों के बीच युद्धविराम समझौते पर जारी संयुक्त बयान के बारे में मोईद यूसुफ ने पुष्टि की है कि दोनों देश पर्दे के पीछे से प्रयास कर रहे थे। अधिकारियों ने कहा कि इस संयुक्त बयान के बाद अभी भी दोनों देशों के संबंधों को सामान्य बनाने में अगले कुछ महीने लग सकते हैं।
भारत और पाकिस्तान के आज जारी हुए साझा बयान का पहला संकेत खुद पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा ने 2 फरवरी को यह बयान देकर दिया था कि अब सभी दिशाओं में शांति का हाथ बढ़ाने का समय है। दूसरा संकेत तब मिला जब 5 फरवरी को पाकिस्तान की ओर से कहा गया कि हाल के हफ्तों में जम्मू और कश्मीर में सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन में कमी आई है। तीसरे संकेत के रूप में बाजवा ने संघर्ष विराम उल्लंघन में कमी बताकर शान्ति प्रस्ताव रखा। इसके बाद पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोविड-19 महामारी पर बुलाई गई सार्क देशों की बैठक में पाकिस्तान को शामिल करना भारत की ओर से चौथा संकेत था।
सबसे बड़ा पांचवां संकेत 23 फरवरी को तब मिला जब ​​इमरान खान के विशेष विमान को श्रीलंका जाने के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति दी गई। इतना ही नहीं इमरान खान के जेट ने कोलंबो में उतरने से पहले भारत के समुद्र तट और लक्षद्वीप द्वीपसमूह के साथ उड़ान भरी। इसके पहले पाकिस्तान ने तीन भारतीय वीवीआईपी उड़ानों को पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र के उपयोग की अनुमति से देने इनकार किया था।

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