फोन लेकर उम्मीदवारों को किया अंडर ग्राउंड,अजमल का कारनामा

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गुवाहाटी, 10 अप्रैल (हि.स.)। एआईयूडीएफ के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल का अजब कारनामा सामने आया है। अचानक शुक्रवार को एक खबर आयी कि अजमल ने आसन्न विधानसभा चुनाव के समाप्त होते ही अपने सभी 18 उम्मीदवारों से उनका मोबाइल फोन लेकर उन्हें अंडरग्राउंड कर दिया है। इनमें से तीन वर्तमान विधायक भी हैं। इसी के साथ ही कांग्रेस द्वारा भी अपने उम्मीदवारोंको अंडर ग्राउंड कर दिये जाने संबंधी खबरें भी सामने आयी है ।

इस संदर्भ में पूछे जाने पर अजमल ने मीडिया के सामने स्वीकार किया है कि भाजपा की हॉर्से ट्रेडिंग से बचाने के लिए उन्होंने अपनी पार्टी के चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों को चुनाव परिणाम के आने से पहले ही गुप्त स्थान पर भेज दिया है। अजमल ने यह भी स्वीकार किया कि इन उम्मीदवारोंसे उनका मोबाइल फोन ले लिया गया है और पार्टी की ओर से एक नया नंबर देकर उन्हें बाहर भेज दिया गया है।

अजमल ने कहा कि कई प्रत्याशी इस दौरान अपने परिवार को भी साथ ले गए हैं, जबकि कई प्रत्याशी अकेले ही गए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी द्वारा उन्हें उपलब्ध करवाए गए नंबर पर उनसे संपर्क किया जा सकेगा। 02 मई से पहले एआईयूडीएफ के कोई भी प्रत्याशी पार्टी अध्यक्ष के अलावा और किसी से भी संपर्क नहीं कर सकेंगे।

अजमल ने आशंका जताई कि भाजपा चुनाव परिणाम आने के साथ ही हॉर्स ट्रेडिंग के काम में लग सकती है, क्योंकि यह भाजपा का पुराना हथकंडा है। अजमल ने दावा किया कि असम में कांग्रेस, एआईयूडीएफ गठबंधन की सरकार बनने जा रही है।

इस बीच राजस्थान के विधायक और राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने मीडिया में बयान जारी कर कहा है कि कांग्रेस और एआईयूडीएफ के 20 से अधिक विधायकों को जयपुर के होटल में लाकर गुप्त रूप से रखा गया है। वहीं, कुछ सूत्रों का दावा है कि यह होटल राजस्थान से दिल्ली जानेवाली हाईवे पर स्थित है। इन नेताओं को होटल में कन्फाइंड रखने का जिम्मा राजस्थान के विधायक महेश जोशी तथा रफीक खान को दिया गया है।

वहीं, एक विश्वस्त सूत्र का दावा है कि असम से ले जाए गए गए कांग्रेस और एआईयूडीएफ के इन संभावित विधायकों को जयपुर के फेयर माउंट होटल में रखा गया है।

राजनीति के जानकारों का मानना है कि पश्चिम बंगाल में हो रहे चुनाव के दौरान भाजपा विरोधी एक हवा बनी रहे, इसे ध्यान में रखकर असम का भाजपा विरोधी महागठबंधन इस प्रकार की हरकतें कर रहा है। ताकि, बंगाल चुनाव के दौरान गैर-भाजपा लहर का संदेश पश्चिम बंगाल के शेष चुनाव के मैदान में पहुंच सके। चुनाव परिणाम का समय धीरे-धीरे नजदीक आता जा रहा है। 02 मई के बाद सभी प्रकार के दावों की असलियत स्वतः जनता के सामने आ जाएगी।

 


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